दिवाली के बाद लोगों को छठ पूजा का इंतजार होता है जो कि बेहद खास माना जाता है। यह पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है जिसे मोहोल्सव के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक पंचांग के अनुसार हर साल छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाया जाता है।
जिसका आरंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से हो जाता है। इस दिन पूजा का आरंभ शाम के वक्त डूबते हुए सूर्य को जल देकर किया जाता है तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा छठ पूजा से जुड़ी जानकारी से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
छठ पूजा से जुड़ी जानकारी-
आपको बता दें कि छठ को सबसे कठिन व्रतों में एक माना गया है। इस व्रत में 36 घंटे का कठोर उपवास किया जाता है। जिसमें 24 घंटे से अधिक समय तक बिना कुछ खाए पीए व्रत रखना होता है। यह पूजा सप्तमी तिथि से पूर्वी आकाश में उगते हुए सूर्य को जल देने के साथ शुरू हो जाती है पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की छठी तिथि इस साल 18 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से आरंभ हो जाएगी। जो कि अगले दिन यानी 19 नवंबर को सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार छठ का त्योहार 19 नवंबर को मनाया जाएगा।
वही 17 नवंबर को छठ पूजा का प्रथम दिन होगा। जिसमें स्नान और भोजन का विधान होता है। इसके बाद दूसरा दिन 18 नवंबर को खरना के तौर पर मनाया जाएगा। तो वही छठ पूजा का संध्या जल 19 नवंबर को दिया जाएगा और 20 नवंबर को उगते सूर्य सूर्य को जल देकर व्रती अपने व्रत को पूर्ण करेंगे।