बृज भूषण शरण सिंह ने यौन उत्पीड़न केस में अदालत के क्षेत्राधिकार पर उठाए सवाल, क्या कहा?

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह (BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh) ने सोमवार को छह महिला पहलवानों की ओर से उनके खिलाफ दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि जो आरोप लगाए गए हैं उनमें से कोई भी घटना भारत में हुई ही नहीं। सिंह के वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत के समक्ष आरोप तय करने पर बहस के दौरान उक्त दलील दी।

समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को दिल्ली की अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि कथित कृत्य देश में हुआ ही नहीं है।

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य बृजभूषण के वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में कहा- कोई ऐसा कृत्य भारत में घटित हुआ ही नहीं था। अभियोजन की कार्यवाही के मुताबिक, कथित अपराध टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्किये आदि देशों में हुआ, इसलिए इसकी सुनवाई यह अदालत नहीं कर सकती।

बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने अपनी दलील में कहा कि कथित तौर पर भारत से बाहर हुए अपराध पर सुनवाई करना इस अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र के तहत नहीं आता है।

वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने अपनी दलील में कहा कि आरोपी को जब भी मौका मिला उसने पीड़ितों से छेड़छाड़ की। पीड़ितों के यौन उत्पीड़न का कृत्य एक सतत अपराध था क्योंकि यह किसी विशेष समय पर नहीं रुका था। इस उत्पीड़न को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने अदालत से गुहार लगाई कि अपराध की पूरी श्रृंखला को एक मानकर देखने की जरूरत है। अदालत इस मामले में अब 22 नवंबर को सुनवाई करेगी।

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