मैनपुरी आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन को बनाए रखने के लिए कांग्रेस को नसीहत दे डाली। कहा कि अभी समय दल बनाने का नहीं है बल्कि बीजेपी को हटाने का है। ऐसी रणनीति पर बात हो जिससे बीजेपी को हटाया जा सके।दल तो बाद में बन जाएगा। भावनाओं को ब्लैकमेल न किया जाए। समाजवादियों का साथ देकर बीजेपी को देश और प्रदेश से हटाया जाए। उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कहा कि इस तरह की जांच होती रहती हैं। कांग्रेस सरकार ने उनके और उनके पिता मुलायम के खिलाफ जांच कराई थी और अब बीजेपी करा रही है। कानून का उल्लंघन न हो इस पर अमल जरूर होना चाहिए।
बेवर पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मथुरा, वृंदावन में ऐसा कुछ भी न हो, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। हेरिटेज और विरासत के संरक्षण पर काम किया जाए। प्रचारित किया जा रहा है कि देश का कोई प्रधानमंत्री मथुरा आया है, जबकि सच्चाई ये है कि हजारों लोग मथुरा पहुंचते हैं। बात इस पर नहीं होनी चाहिए बल्कि बात इस पर हो कि देश में बेरोजगारी, भुखमरी से लोग न मरें। नौकरी, बिजली, पानी, दवाई की व्यवस्था हो। कैंसर का उपचार किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मैनपुरी के लिए केंद्र सरकार ने कोई बड़ा काम नहीं किया। एटा का बिजली कारखाना अब तक शुरू नहीं हो पाया।
सीमा पर सैनिकों की शहादत बढ़ रही
अखिलेश यादव ने सीमा पर सैनिकों के शहीद होने के सवाल पर मोदी सरकार को घेरा। कहा कि 2014 से अब तक सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या बढ़ी है। जबकि भाजपा के लोग बड़ी-बड़ी बातें करते थे। कश्मीर से आर्टिकल हटाए गए, फिर भी शहीदों की संख्या बढ़ रही है। जनता को बताया जाए कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है। सीमाएं सुरक्षित रहें, इसके इंतजाम नहीं किए जा रहे। स्वामीप्रसाद मौर्य के बयानों के समर्थन के सवाल को अखिलेश ने टाल दिया और कहा कि लोग गांधी जी के संदेश पर अमल करें। न बुरा देखें न बुरा सुनें।
हलाल को लेकर बीजेपी के लोग ही ना समझ
अखिलेश ने चर्चित हलाल प्रमाण पत्र को लेकर कहा कि बीजेपी के लोग ही इस बारे में नहीं जानते हैं। उनके साथ प्लेन में एक बीजेपी के नेता नॉनवेज खा रहे थे लेकिन वो कैसा था इसकी चिंता नहीं थी। बीजेपी मुद्दों से भटकाने का काम करती है। उनका धार्मिक एजेंडा है। विकास से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने आवारा जानवरों से हो रही मौतों पर कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नींद से जागें। हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी प्रदेश को आवारा जानवरों से निजात नहीं मिल पा रही।