असम के 4 जिलों से हटाया गया अफस्पा, अब केवल इन इलाकों लागू रहेगा स्पेशल एक्ट

सम के 4 जिलों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) का 6 और महीनों के लिए विस्तार कर दिया गया है। गुवाहाटी में असम पुलिस दिवस 2023 के मौके पर आयोजित समारोह में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि 4 अन्य जिलों से अशांत क्षेत्र का दर्जा हटा लिया गया है, जिसके कारण अफस्पा लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘आज से असम के केवल चार जिलों में अफस्पा रहेगा। ये जिले डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव हैं।’ सिंह ने कहा कि जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ से 1 अक्टूबर से अफस्पा हटा लिया गया है।

असम सरकार ने इससे पहले इन 8 जिलों में 1 अप्रैल से और 6 महीने के लिए अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना का विस्तार किया था। अफस्पा के तहत किसी पूर्व वारंट के बगैर सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। साथ ही किसी व्यक्ति को गोली मारने पर उन्हें गिरफ्तारी या अभियोजन से छूट मिलती है। डीजीपी ने कहा, ‘पिछले 30-40 वर्षों के दौरान अस्थिर दौर से गुजरने के बाद असम शांतिपूर्ण स्थिति में पहुंच गया है। असम पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की कड़ी मेहनत के कारण हमारे पास यह शांतिपूर्ण माहौल है। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं।’

कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में लगातार काम: DGP
डीजीपी ने कहा कि इस अवधि के दौरान सभी बलों के कांस्टेबल जैसे निचले स्तर के कर्मियों से अधिकतम योगदान प्राप्त हुआ। सिंह ने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि हम होमगार्ड और वीडीपी (ग्राम रक्षा दल) के योगदान को नहीं भूल सकते। हमारे पास लगभग 25,000 वीडीपी और 10,000 होम गार्ड हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि असम पुलिस राज्य की समग्र कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार की दिशा में लगातार काम कर रही है। गत 9 सितंबर को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि कैबिनेट ने शेष 8 जिलों से अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र हटाने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। अफस्पा पहली बार नवंबर 1990 में असम में लगाया गया था। तब से राज्य सरकार की ओर से समीक्षा के बाद इसे हर 6 महीने की अवधि के बाद बढ़ाया जाता है।

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