क्या है अपार आईडी? स्कूली बच्चों का डेटा जुटा रही मोदी सरकार, फायदे समझें

 केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश भर के स्कूली बच्चों का डेटा जुटा रही है। सरकार की हर स्कूली बच्चे की यूनिक अपार आईडी नंबर (APAAR ID Number) बनाने की योजना है।’एक देश एक स्टूडेंट आईडी’ की पहल के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूली बच्चों के आधार नंबर से उनके नाम, पता, जन्म तारीख, फोटो समेत अन्य जानकारी जुटा रहा है। इसके लिए स्कूल संचालक ने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से सहमति मांगना शुरू कर दिया है। अपार आईडी नंबर (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) से छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप, एजुकेशन लोन, सरकारी योजनाओं का लाभ, अवॉर्ड्स आदि लेने में आसानी होगी। साथ ही स्टूडेंट्स के सभी एकेडमिक रिकॉर्ड्स, खेल गतिविधियों और अन्य जानकारी का डेटा एक ही जगह पर मिल सकेगा। इससे सरकार को योजना बनाने में सुविधा होगी। आइए जानते हैं कि अपार आईडी नंबर (APAAR ID Number) क्या है, इससे स्कूली बच्चों को क्या फायदे होंगे।

अपार आईडी नंबर एक तरह का यूनिक नंबर होगा। जैसा कि आधार या वोटर आईडी नंबर होता है। देश के सभी स्कूली बच्चों को ये अपार आईडी जारी की जाएगी, जो कि परमानेंट रहेगी। अगर अभिभावक अपने बच्चों का किसी अन्य स्कूल में दाखिला करवाते हैं, तो भी यह आईडी नहीं बदलेगी। पूरे देश में एक स्टूडेंट की एक ही आईडी काम आएगी। इस पर काम शुरू हो गया है। मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एक देश एक स्टूडेंट आईडी की पहल की जा रही है। अपार आईडी को शिक्षा मंत्रालय बच्चों के आधार नंबर से लिंक करेगा। इसके लिए स्कूलों को उनके अभिभावकों से इसकी सहमति लेने के लिए कहा जा रहा है। स्कूल संचालक अभिभावकों से उनके बच्चों की अपार आईडी बनवाने के लिए सहमति पत्र भरने के लिए कह रहे हैं।

अपार आईडी नंबर के क्या फायदे हैं?

अपार आईडी नंबर (APAAR ID Number)) के जरिए स्टूडेंट्स की शैक्षणिक गतिविधियों और अन्य योगदानों को ट्रैक करने में आसानी होगी। सरकार ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स पर नजर रखकर उन्हें फिर से शैक्षणिक गतिविधियों में जोड़ने के प्रयास कर सकेगी। अपार आईडी से बच्चों का डिजीलॉकर इकोसिस्टम भी बन सकेगा, जिसमें स्टूडेंट्स के सभी कक्षाओं के परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, हेल्थ कार्ड, ओलंपियाड, खेल और अन्य योगदानों का डेटा एक ही जगह पर मिल सकेगा।

अपार आईडी से स्टूडेंट्स को क्रेडिट स्कोर भी मिलेंगे, जिसका फायदा वे उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए कर सकेंगे। इसके अलावा भविष्य में एनटीए अथवा अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित किए जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे बच्चों को मुहैया करवाया जाएगा। स्कॉलरशिप, अवॉर्ड्स आदि बच्चों तक पहुंचाने में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

सरकार के पास रहेगा बच्चों का अपार आईडी नंबर का डेटा

अपार आईडी को आधार से लिंक किया जाएगा। इसे बनवाने के लिए बच्चों का आधार कार्ड होना जरूरी है। आधार में दी गई बच्चों के नाम, पता, फोटो, जन्म दिनांक, लिंग संबंधित जानकारी को शिक्षा मंत्रालय अपने पास सुरक्षित रखेगा, इसका दुरुपयोग होने की संभावना न के बराबर होगी। शिक्षा मंत्रालय सिर्फ शैक्षणिक उपयोग के लिए ही इसका इस्तेमाल करेगा।

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