गाजा पट्टी पर अपनी बमबारी को उचित ठहराने के लिए इजरायल अब अमेरिका को उसका पुराना इतिहास याद दिला रहा है। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि जब अमेरिका ने ‘खुद की रक्षा’ के लिए लाखों लोगों को मार दिया था तो इजरायल ऐसा क्यों नहीं कर सकता।
इजरायली अधिकारियों ने, अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ निजी बातचीत में गाजा बमबारी को उचित ठहराने के लिए, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और जापान में बमबारी का हवाला दिया। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
नागरिकों की मौत एक “स्वीकार्य कीमत”
दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु बम गिराए गए थे। इतिहास की इस सबसे घातक घटना में ढाई लाख के करीब लोग मारे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली अधिकारियों का यह भी मानना था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास के खिलाफ अभियान के दौरान गाजा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की मौत एक “स्वीकार्य कीमत” है। इजरायल ने अगस्त 1945 के हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु विस्फोट के अलावा, दिसंबर 1941 के पर्ल हार्बर बम विस्फोट, 1944 के कोपेनहेगन बम विस्फोट का भी हवाला दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “1944 में, रॉयल एयर फोर्स ने कोपेनहेगन में गेस्टापो मुख्यालय पर बमबारी की। यह बिल्कुल सही निशाना था। लेकिन ब्रिटिश पायलट चूक गए और गेस्टापो मुख्यालय के बजाय, उन्होंने पास के एक बच्चों के अस्पताल पर हमला कर दिया। और मुझे लगता है कि 84 बच्चे जलकर मर गए। यह कोई युद्ध अपराध नहीं है। ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए आप ब्रिटेन को दोष दें। यह युद्ध का एक वैध कृत्य था जिसके दुखद परिणाम ऐसे वैध कार्यों के साथ आते ही हैं।”