जहां अखिलेश यादव का हुआ था ‘अपमान’, वहां भी कांग्रेस ने किया सम्मान; 4 महीने बाद झुकी

लंबी खींचतान के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच गठबंधन और सीट शेयरिंग पर बात बन गई है। खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अब कोई विवाद नहीं है और दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।उत्तर प्रदेश के अलावा दोनों दलों में गठबंधन मध्य प्रदेश में भी होगा। कांग्रेस ने सपा को मध्य प्रदेश में एक सीट देने का फैसला किया है। अखिलेश की पार्टी खजुराहो सीट पर चुनाव लड़ेगी।सपा के प्रदेश प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी एक सीट खजुराहो से लड़ेगी और अन्य सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करेगी। वहीं, उत्तर प्रदेश में सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं।माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में एक सीट देकर अखिलेश की उस शिकायत को दूर करने का प्रयास किया है जो उन्हें कुछ महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी। सपा ने 2023 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन की भरसक कोशिश की थी, लेकिन उन्हें तब तवज्जो नहीं दी गई थी। बात तब और बिगड़ गई थी जब कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने मीडिया के एक सवाल पर पूछ दिया था, ‘कौन अखिलेश-वखिलेश।’ मध्य प्रदेश को लेकर दोनों दलों के बीच काफी कड़वाहट आ गई थी।अखिलेश यादव भी बेहद नाराज हो गए थे और उन्होंने उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर अपने तेवर तल्ख कर लिए थे। सपा प्रमुख ने यहां तक कह दिया था कि यदि प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा।मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं। भाजपा ने 2019 में सभी इनमें से 28 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को एकमात्र सीट छिंदवाड़ा से जीत मिली थी। खजुराहो सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला रहा है। उत्तर प्रदेश से सटे खजुराहो में अब तक 7 चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की है तो 6 बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। 2019 में बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी। यहां 18.57 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की और 15.13 फीसदी अनुसूचित जानजाति की है।

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