सरकार किसानों को एमएसपी नहीं देना चाहती या बड़े लोगों से मिली है, अखिलेश यादव का हमला

पा प्रमुख अखिलेश यादव ने किसानों के आंदोलन पर केंद्र सरकार को घेरते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार किसानों को एमएसपी देना नहीं चाहती और ‘मुनाफा कमाने वालों’ से मिली हुई है। राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के तीन उम्मीदवारों का मंगलवार को विधानसभा में नामांकन दाखिल कराने के बाद पार्टी प्रमुख यादव ने किसानों के आंदोलन पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जो सरकार किसानों के नाम पर वोट लेना चाहती हो, जो सरकार स्वामीनाथन व किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दे रही हो, वह आखिरकार किसानों को एमएसपी क्यों नहीं दे रही है।अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार या तो एमएसपी देना नहीं चाहती या बड़े लोगों से मिली है, या जो लोग मुनाफा कमाना चाहते हैं उनसे सरकार मिली हुई है। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि सरकार किसानों की आवाज दबाने के लिए ऐसा कार्य कर रही है।फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब से किसानों ने मंगलवार सुबह अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने मंगलवार को अंबाला (हरियाणा) में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।इस मामले को लेकर पत्रकारों से सपा प्रमुख ने कहा कि जो कुछ हो रहा है और जिस तरह से खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस (छोड़ी गई है) और उससे पहले किसानों को रोकने के लिए, आंदोलन को रोकने के लिए किलों से लेकर न जाने क्या क्या दीवारें खड़ी की गयीं… प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती है, वह कर रही है।अखिलेश ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार जानबूझकर किसानों की आवाज दबाना चाहती है। यह वही सरकार है, जिन्होंने किसान से कहा था कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, एमएसपी लागू किया जाएगा, फसल की कीमत मिलेगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले आपने देखा किसान धरने पर बैठ गये। आठ सौ से ज्यादा किसानों की जान चली गई लेकिन उसके बाद भी सरकार किसानों को एमएसपी देने को तैयार नहीं है।

उन्होंने इस सरकार में हर परीक्षा में पेपर लीक होने का भी आरोप लगाया। अबू धाबी में प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर के उद्घाटन के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह भगवान के मंदिर हैं और ये दुनिया में फैले हैं। भगवान राम और कृष्ण के मंदिर बहुत मिलेंगे। यूरोप चले जाएं, रूस चले जाएं आबू धाबी, अमेरिका सब जगह भगवान के मंदिर हैं। ये मंदिर आज से तो बन नहीं रहे हैं, जाने कब से बन रहे हैं।अखिलेश ने कहा कि दूसरे देशों से बहुत से लोग प्रभावित होकर भारत आए हैं। भारत हमारे धर्मों का देश है। यहां लोग शांति के लिए आते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा था हमारे देश में धर्म की कमी नहीं है, धर्म बहुत हैं, लेकिन रोटी कब मिलेगी और रोजगार कब मिलेंगे। यादव ने कहा कि धर्म का अपना स्थान है, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को रोजगार मिले, रोटी मिले, सामाजिक न्याय मिले और किसानों का हक व सम्मान बना रहे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इटावा में मंदिर का कार्य पूर्ण हो जाएगा तो आप लोगों को भी बुलाएंगे। अखिलेश के नेतृत्व में इटावा में भगवान शिव का केदारेश्वर मंदिर बन रहा है।

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