समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी की दोस्ती बरकरार है। आखिरकार सपा-रालोद ने लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा कर लिया है। हालांकि इस दोस्ती का असली इम्तिहान अभी बाकी है।दोनों के गठबंधन को लेकर सियासी हलकों में पिछले काफी समय से सवाल उठ रहे थे। रालोद मुखिया जयंत की भूमिका को लेकर भी कयासबाजी थी। दो दिन पहले जयंत ने कहा था कि गठबंधन सलामत है। परस्पर सहमति के बीच रालोद को उसके प्रभाव वाली ही सात सीटें दी जा रही हैं। रालोद के सामने खाता खोलने की चुनौती है। लोकसभा में मेरठ और सहारनपुर मंडल में फिलहाल सपा और रालोद के पास कोई सीट नहीं है।
2019 में सात सीटों पर गठबंधन की हुई थी जीत
पश्चिम क्षेत्र में मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और रामपुर लोकसभा सीट है। इन 14 सीटों में से 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद, रामपुर और संभल में सपा, सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और अमरोहा में बसपा की जीत हुई थी। बाद में रामपुर के उपचुनाव में भाजपा जीती। भाजपा के पास मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, कैराना, बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर सीट पर भाजपा ने 2019 में जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन था। दो सीटों पर कांग्रेस को समर्थन दिया गया था।
इन सीटों पर भाजपा का मंथन
छह सीटों पर भाजपा का भी लगातार मंथन चल रहा है। इनमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल सीटों पर भाजपा लगातार रणनीति बना रही है। इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठकें भी हो चुकी हैं। रामपुर की सीट लोकसभा उपचुनाव में भाजपा जीत चुकी है।
2022 के विधानसभा चुनाव में कांटे का था मुकाबला
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन का मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर में असर दिखा। हालांकि मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडल की 70 सीटों में से 41 पर भाजपा की जीत हुई थी। मेरठ में सात में चार, बिजनौर में आठ में से चार, सहारनपुर में सात में दो, शामली में तीन में तीन, मुजफ्फरनगर में छह में से पांच, बागपत में तीन में से एक सीट पर गठबंधन की जीत हुई थी। यह भी दिलचस्प पहलू है कि कई सपा नेता रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़े थे।
14 लोकसभा क्षेत्रों की स्थिति(2019 में)
भाजपा 07
सपा-बसपा 07
70 विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति(2022 में)
भाजपा 41
सपा-रालोद 29
(गठबंधन)
क्या बोले सपा-रालोद के नेता
पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता शाहिद मंजूर ने कहा कि गठबंधन होना बहुत अच्छी बात है। दोनों दलों की विचारधारा एक है। दोनों ही दल किसान-मजदूर और अल्पसंख्यकों की बात करते हैं। वहीं रालोद के क्षेत्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र चेयरमैन ने कहा कि रालोद और सपा के बीच गठबंधन की बात का स्वागत है। यह गठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा। जीत होगी।
भाजपा बोली-हमारी जनता से गठबंधन
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिसौदिया ने कहा कि भाजपा का जनता से गठबंधन है। जनता के गठबंधन से बड़ा कोई गठबंधन नहीं है। चुनाव में भाजपा, जनता और कार्यकर्ताओं की बदौलत चुनाव लड़ेगी और जीत होगी।