उप चुनाव घोषित होने से पहले ही सपा के प्रत्याशी का ऐलान

सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट के रिक्त होते ही समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। विजय सिंह गोंड को सपा ने यहां से प्रत्याशी बनाया है। हालांकि इस सीट पर अभी तक चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में बूथ और सेक्टर प्रभारियों की बैठक बुलाई थी। इस दौरान अगले लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों पर चर्चा भी की गई। सभी के सामने दुद्धि के लिए पूर्व मंत्र विजय सिंह गोंड के नाम का ऐलान कर दिया। विजय सिंह गोंड कई बार विधायक और सपा की सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

भाजपा विधायक रामदुलार गोंड के नाबालिग से रेप में 25 साल की सजा के बाद यह सीट शनिवार को ही रिक्त घोषित हुई थी। 15 दिसंबर को रामदुलार को सजा हुई थी और उसी दिन से सीट को रिक्त मान लिया गया है। सपा कार्यालय में अखिलेश यादव की करीब तीन घंटे तक बैठक चली है। इसमें दुद्धि से विजय सिंह गोंड को प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 के चुनाव को लेकर कई जरूरी निर्देश दिए।

2024 चुनाव में प्रत्याशियों के नामों पर सुझाव भी मांगे गए। अखिलेश ने बूथ और सेक्टर प्रभारियों से अगले चुनाव को लेकर वोटर लिस्ट पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। कहा कि वोटर लिस्ट में किसी का नाम न कटने पाएं। इसके साथ ही यह भी ध्यान देने को कहा है कि बाहरी लोगों का नाम न जुटे। मुस्लिम और यादव बहुल्य इलाकों में वोटर लिस्ट पर खास ध्यान देने की बात कही है। अखिलेश यादव का हमेशा आरोप रहता है कि प्रशासनिक अधिकारी सरकार के निर्देश पर सपा के वोटरों का नाम काट देते हैं। इसके साथ ही सबी से साफ तौर पर कहा कि अपनी तैयारियों में जुटे रहें। कहीं किसी तरह की गड़बड़ियां न होने पाएं। कोई गड़बड़ी दिखे तो उसका विरोध करें।

कौन हैं विजय सिंह गोंड
सपा प्रत्याशी विजय सिंह गोड़ आदिवासी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। उन्होंने 1980 से अपना चुनावी सफर शुरू किया और उत्तर प्रदेश की सबसे अंतिम विधानसभा सीट दुद्धी से लगातार सात बार विधायक रहे। मुलायम सिंह यादव की सरकार में वे परिवार कल्याण राज्यमंत्री भी रहे। पूरे राजनीतिक जीवन में महज एक बार वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अद एस व भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी हरिराम चेरो से हारे थे।

1980 के चुनाव में पढ़ाई छोडकर पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने कांग्रेस के सिंबल पर विजय सिंह चुनाव में उतरे थे। तब भाजपा के तत्कालीन विधायक ईश्वर प्रसाद को हराकर अपनी पारी का आगाज किया था। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई जो लगातार (सात बार) 2007 तक कायम रहा।

उन्होंने लंबा संघर्ष कर आदिवासियों के लिए अलग से आरक्षण की मांग करते हुए 17 जातियों को अनुसूचित जाति से हटवाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने में कामयाब हुए, लेकिन इसी कारण वह वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव भी नही लड़ पाए, क्योंकि गोड़ बिरादरी अनुसूचित जनजाति में शामिल हो गई और दुद्धी विधानसभा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।

वर्ष 1991 में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और सपा से ही विधानसभा चुनाव लड़ा। 1991, 1993, 1996 व 2002 में भी सपा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2007 और 2012 में अनुसूचित जाति की सीट होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सके। 2017 में दुद्धी व ओबरा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। तब विजय सिंह बसपा में शामिल हो चुके थे। उन्होंने बसपा के टिकट पर दुद्धी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। अब एक बार फिर सपा ने दुद्धी विधानसभा सीट से विजय सिंह गोड़ को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है।

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