आकाश आनंद की री-एंट्री, ‘अपरिपक्व’ बताकर मायावती ने छीन लिया था ओहदा, अब मिली अहम जिम्‍मेदारी

बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद की राजनीति में री-एंट्री हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने उन्हें ‘अपरिपक्व’ बताकर पार्टी में राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के पद और अपने उत्तराधिकार से हटा दिया था।अब विधानसभा उपचुनावों में उत्तराखंड और पंजाब के जरिए उन्हें फिर राजनीति में सक्रिय किए जाने की तैयारी है। दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मायावती के बाद दूसरे नंबर पर उनका नाम है।लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद को हटाकर पार्टी प्रमुख मायावती ने आम लोगों के साथ-साथ राजनीति के जानकारों को भी चौंका दिया था। अब जब उन्हें दो राज्यों के विधानसभा उपचुनावों में प्रभारी बनाया गया है तो माना जा रहा है कि बसपा में एक बार फिर धीरे-धीरे उनकी सक्रियता बढ़ेगी।
लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद के प्रचार अभियान को काफी अक्रामक माना गया था। उनके कुछ भाषणों की काफी चर्चा हुई थी। ऐसे ही एक भाषण के बाद एफआईआर भी दर्ज हो गई थी। तब कई राजनीतिक जानकारों का कहना था कि आकाश के तेवरों से बसपा में एक बार फिर कुछ हलचल दिखने लगी है। इसी दौरान पार्टी प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद से पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर का पद और अपना उत्तराधिकार वापस ले लिया। तबसे पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान और अब तक आकाश आनंद राजनीति में सक्रिय नज़र नहीं आए। लेकिन अब एक बार फिर वह बसपा के लिए प्रचार करेंगे। हालांकि अभी भी पार्टी में उन्हें कोई पद नहीं दिया गया है।लेकिन दो राज्यों में स्टार प्रचारक बनाए जाने से यह माना जा रहा है कि अब वह धीरे-धीरे सक्रिय होंगे। बसपा सुप्रीमो के इस फैसले की राजनीति गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। कई जानकारों का कहना है कि मायावती आकाश आनंद को देर-सबेर राजनीति में लाएंगी ही। वह इसके लिए उन्हें काफी समय से तैयार कर रही हैं। जानकारों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी सुप्रीमो ने आकाश आनंद को शायद इसलिए हटाया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि आकाश किसी विवाद में फंसें।
इस चुनाव में बसपा शून्य पर सिमट कर रह गई है। कई जानकारों का कहना है कि मायावती यह भी नहीं चाहती थीं कि हार की जिम्मेदार आकाश को ठहराया जाए। आकाश पहले भी यूपी से बाहर दूसरे राज्यों में पार्टी के लिए अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इस बार भी रणनीति यही है कि पहले उन्हें दूसरे राज्यों में सकिय किया जाए फिर धीरे-धीरे यूपी में भी वह सक्रिय नज़र आने लगेंगे। 2027 के विधानसभा चुनाव तक उन्हें पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतारा जा सकता है।

सात साल पहले हुई थी एंट्री
बसपा सु्प्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद की सियासत में एंट्री करीब सात साल पहले हुई थी। तब शुरू-शुरू में मायावती ने कुछ बैठकों में उनका परिचय करवाया था। कुछ समय बाद उन्हें राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बनाया गया। आकाश आनंद को यूपी से बाहर कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव का जिम्मा दिया गया था।लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद ने रैलियां शुरू कीं तो उनके भाषणों की चर्चा होने लगी। ऐसी ही एक रैली में उनके भाषण पर विवाद हुआ और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एफआईआर करा दी। इसके कुछ समय बाद सात मई 2024 को पार्टी प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया।

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