दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक और मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए 3000 करोड़ रुपए रिलीज नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सबसे बड़ी अदालत का रुख किया है।सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और 1 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि 31 मार्च को लैप्स हो जाने के बावजूद उसकी ओर से फंड रिलीज करने का आदेश दिया जा सकता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने आप सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर गौर किया। सिंघवी ने कहा कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड को दी जाने वाली धनराशि 31 मार्च को लैप्स हो जाएगी। बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। बेंच ने कहा कि एक अपैल को याचिका पर सुनवाई होगी।
जब सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि मामले की सुनवाई 21 मार्च को की जाए तो सीजेआई ने कहा, ‘हम मामले की सुनवाई एक अप्रैल को सूचीबद्ध करेंगे और यदि हम कुछ रोकते हैं, तो निर्णय को पलटा जा सकता है, इसमें कोई समस्या नहीं है।’ वरिष्ठ वकील ने कहा कि बजट विधिवत पारित किया गया था और फिर भी दिल्ली जल बोर्ड के लिए निर्धारित धनराशि जारी नहीं की जा रही है और इसके परिणामस्वरूप निधि की कमी हो सकती है।