प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय ने गुरुवार को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनकी करीबी एक महिला के लखनऊ, अमेठी, दिल्ली व मुंबई स्थित 13 ठिकानों पर छामेमारी की।इस दौरान 44 लाख रुपये नकदी और बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले। ईडी की टीम अमेठी से पूर्व मंत्री के बेटे अनुराग प्रजापति को अपने साथ लेकर आई है। अनुराग से अभी पूछताछ चल रही है।सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति दुष्कर्म के एक मामले में 2017 से जेल में बंद हैं। ईडी ने लखनऊ में छह, अमेठी में दो, मुंबई में चार व दिल्ली में एक ठिकाने की तलाशी ली। अमेठी में ईडी ने गायत्री के घर के अलावा उनकी करीबी रही गुड्डा देवी नाम की एक महिला के आवास पर भी छापा मारकर तलाशी ली। ईडी के छापे से गायत्री प्रजापति की पत्नी व अमेठी से सपा की विधायक महराजी देवी की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईडी को दोनों आवासों से नकदी के अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। टीम ने अमेठी के आवास पर पूर्व मंत्री के पुत्र अनुराग प्रजापति से दस्तावेजों के बारे में जानकारी मांगी। संतोषजनक जानकारी न देने पर टीम उन्हें अपने अपने साथ ले गई। अनुराग से पूछताछ चल रही है। ईडी के अनुसार उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।गुरुवार को सुबह लगभग छह बजे ही ईडी के अधिकारी सीआरपीएफ के साथ चार गाड़ियों में अमेठी पहुंचे। फिर अलग-अलग टीम बनाकर गायत्री प्रजापति के आवास विकास कॉलोनी स्थित आवास और उनकी करीबी गुड्डा देवी के गंगागंज स्थित आवास पर छापेमारी शुरू की। गायत्री के आवास पर उनकी पत्नी व अमेठी की विधायक महाराजी देवी व उनके पुत्र अनुराग प्रजापति मौजूद रहे। वहीं गुड्डा देवी व उनके बच्चे आवास पर मौजूद नहीं थे। बगल के आवास में रह रही गुड्डा देवी की मां से चाबी लेकर टीम ने मकान में प्रवेश किया। छापेमारी के दौरान टीम ने आलमारी खुलवाने के लिए कस्बे के एक ताला चाबी बनाने वाले को बुलाया।जनवरी में जब्त की थी 13 करोड़ की संपत्ति
ईडी ने जनवरी 2024 में गायत्री और उनके परिवारीजनों की 13.42 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था। इस तरह ईडी अब तक 50 करोड़ से अधिक की उनकी संपत्तियों को जब्त कर चुकी है। जनवरी में ईडी ने मुंबई से लेकर लखनऊ के मोहनलालगंज तक की गायत्री की बेनामी संपत्तियों को पीएमएलए के तहत जब्त किया था। इसमें मुंबई में मलाड (पश्चिम) स्थित एक अपार्टमेंट में चार फ्लैट, लखनऊ में मोहनलालगंज और हरिहरपुर में स्थित सात कृषि और आवासीय भूमि शामिल है। ईडी की जांच में पता चला कि गायत्री ने खनन मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करके अपने परिवार के सदस्यों, करीबी सहयोगियों और दोस्तों के नाम संपत्तियां अर्जित की, जो पूरी तरह से अवैध थी। ये संपत्तियां उनकी आय के ज्ञात स्रोतों की तुलना में कई गुना ज्यादा थीं। उनके परिवार के सदस्यों ने अवैध कमाई को वैध बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया। कई संपत्तियों को वैध बनाने के लिए फर्जी लेन-देन का जाल फैलाया गया। अवैध संपत्तियों को ठिकाने लगाने के लिए भरोसेमंद संबंधों का भी दुरुपयोग किया। इससे पहले ईडी ने गायत्री के परिवार के सदस्यों, विभिन्न संस्थाओं, बेनामी धारकों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों और दोस्तों के नाम पर अर्जित जमीन, मकान और बैंक खाते में जमा राशि के रूप में 60 अचल संपत्तियों को कुर्क किया था, जिनकी कुल कीमत 36.95 करोड़ रुपये थी।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और आपराधिक कदाचार के आरोप में गायत्री के खिलाफ उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने वर्ष 2021 में जांच शुरू की थी। घोटाला और दुष्कर्म के मुकदमे में गायत्री 2017 से जेल में बंद हैं। फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत सात लोगों के खिलाफ गैंगरेप सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।