लखनऊ सर्दियों में पराली जलाने के कारण होने वाले पॉल्यूशन को लेकर योगी सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। महराजगंज जिले में पराली जलाए जाने को लेकर प्रशासन ने सख्त तेवर अपनाए हैं।किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामले में लापरवाही पर मंगलवार को तीन लेखपालों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं 28 किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर 10 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन गिरफ्तार किसानों को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।डीएम अनुनय झा ने जिले में पराली जलाने की घटनाओं को प्रभावी तरीके से रोकने का निर्देश दिया था। ऐसा न होने पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामलों में कमी नहीं आई है। इसे लेकर डीएम ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने सदर तहसील के लेखपाल विपिन कुमार व जनकराज तथा नौतनवा तहसील के लेखपाल अरविनंद यादव को लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही कोल्हुई व निचलौल क्षेत्रों से 10 किसानों को पराली जलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने कहा कि पराली जलाने के मामले में लापरवाही पर तीन लेखपाल सस्पेंड किए गए हैं। दस किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पराली जलाने से रोकने के मामले में प्रशासन सख्त है।
वहीं, मुख्य सचिव के समक्ष पराली प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि एकल कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। अब तक 44,363 एकल कृषि यंत्र वितरित किए जा चुके हैं। 2023-24 में 4439 एकल कृषि यंत्र की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। वहीं एफपीओ सहकारी समिति एवं ग्राम पंचायत मद में अब तक कुल 7621 फार्म वितरित किए जा चुके हैं।
2023-24 में 296 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। गत वर्ष 1322250 बायोडीकम्पोजर वितरित किए गए हैं, जबकि 2023-24 में 17 लाख बायोडीकम्पोजर वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। 2023-24 में अब तक 166600 बायोडीकम्पोजर पूर्ति प्रक्रिया में है।
विभिन्न विभागों का लिया जा रहा सहयोग
इसके अलावा जनपद स्तर पर गन्ना, बेसिक शिक्षा, राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, स्थानीय निकाय, पुलिस एवं परिवहन, कृषि जैसे विभाग के अधिकारियों में समन्वय करके प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी। जनपद में या निकटवर्ती जनपद में स्थापित फसल अवशेष आधारित इकाइयों का प्रचार-प्रसार करके उनमें पराली की आपूर्ति कराना सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्राम, न्याय पंचायत, विकास खंड, तहसील, जनपद स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है।
पराली को लेकर पहले ही किसानों को चेताया जा चुका है। जुर्माना तक लगाया जा चुका है। पराली का जलाना सरकारों के बीच घमासान का कारण भी बनता रहा है। सरकारें एक दूसरे के राज्यों पर दोषारोपण करती रही हैं। पंजाब और हरियाणा इसका बड़ा उदाहरण है। यहां पराली को लेकर सरकार के मंत्रियों के बीच बयानबाजी होती रहती है।