यूपी में सैकड़ों बच्चों की जान लेने वाली बीमारी इंसेफेलाइटिस पर खात्मे की कगार पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य में जानलेवा बीमारी इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी।
आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का उद्घाटन किया। उन्होंने डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया और भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों के ठोस प्रयासों से उत्तर प्रदेश में अब इंसेफेलाइटिस खत्म होने की कगार पर है। इसके उन्मूलन की औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी। उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण की सराहना की जा रही है। आदित्यनाथ ने जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2017 से डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार और चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चला रही है और पिछले छह वर्षों के दौरान इन अभियानों के उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार साल में तीन बार संचारी रोग नियंत्रण के लिए अंतरविभागीय समन्वय अभियान चलाती है। अक्टूबर से जनवरी तक चलने वाले विशेष अभियान में प्रारंभिक चरण में जनजागरूकता और अंतरविभागीय जिम्मेदारियों पर केंद्रित 15 दिवसीय कार्यक्रम शामिल है। इसके तहत आगामी 16 से 31 अक्टूबर तक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मरीजों की पहचान करेंगी और उनके इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी।
आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले इस मौसम में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस के 500 से 600 मरीज भर्ती होते थे। हर साल पूरे राज्य में इस बीमारी के कारण 1200 से 1500 बच्चों की मौत हो जाती थी। अकेले मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मौत होती थी। उन्होंने कहा कि अब यह बीमारी और मौतें इतिहास की बात होती जा रही हैं क्योंकि अगर सरकार ठान ले और लोग सहयोग करें तो सब कुछ संभव है।
उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद से लेकर मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी तक डेंगू का व्यापक प्रभाव था। वाराणसी से लेकर कुशीनगर और बिहार की सीमा से लगे क्षेत्र कालाजार से प्रभावित थे। हालांकि जब अंतर-विभागीय समन्वय से सभी विभागों ने इस दिशा में काम किया, तो उसके परिणाम अब सभी के सामने हैं।