बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का गठन हो गया है। मुख्यमंत्री फिर से नीतीश ही बने हैं। बीजेपी से दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बनाए गए हैं। रविवार को पटना स्थित राजभवन में हुए समारोह में नीतीश के अलावा 8 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली।इसमें बिहार के इकलौते निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी शामिल हैं। सुमित सिंह ऐसे नेता हैं, जो एनडीए की सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। 2022 में जब नीतीश ने आरजेडी-कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई, तब भी वह मंत्री बने थे। अब फिर से राज्य में एनडीए की सरकार बनी है तो शपथ ग्रहण के पहले चरण में ही उनका नाम आ गया।दरअसल, सुमित कुमार सिंह को नीतीश के विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता दिवंगत नरेंद्र सिंह बिहार के कद्दावर नेता रहे। साथ ही दादा श्रीकृष्ण सिंह सेनानी थे और दो बार विधायक रहे थे।सुमित कुमार सिंह पहले जेडीयू में ही थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे बगावत पर उतर आए थे। उन्होंने जमुई जिले की चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय ही चुनाव लड़ा, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने चकाई सीट से ही दोबारा निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस बार वह चुनाव जीत गए। बिहार विधानसभा में पहुंचने वाले वह पहले निर्दलीय विधायक रहे। इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह दी। वह एनडीए के बाद महागठबंधन सरकार में भी मंत्री बने। पिछली सरकार में उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का जिम्मा था। अब दोबारा सुमित सिंह को मंत्री बनाया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि उनका पोर्टफोलियो इस बार बदला जा सकता है।