जब राम मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे होंगे पीएम मोदी, तब 22 जनवरी को राहुल समेत पूरा विपक्ष क्या कर रहा होगा?

कई सदियों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है, जिसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तकरीबन छह हजार लोग मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम के लिए खेल, बॉलीवुड, बिजनेस, राजनीति समेत तमाम क्षेत्रों के जाने-पहचाने चेहरों को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि, तमाम लोगों की उपस्थिति के बीच विपक्ष ने कार्यक्रम का बॉयकॉट किया है। कांग्रेस से पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी व अधीर रंजन चौधरी को न्योता दिया गया था, लेकिन पार्टी ने इसे बीजेपी-आरएसएस का कार्यक्रम बताकर नहीं जाने का फैसला किया है। इसके अलावा, सपा से अखिलेश यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी समेत कई अन्य विपक्षी नेता भी 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे।

आखिर 22 जनवरी को क्या करेंगे विपक्षी नेता?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी 22 जनवरी को एक सभी धर्मों को कवर करती हुई एक रैली का नेतृत्व करने जा रही हैं। यह रैली कोलकाता में निकाली जाएगी, जोकि मस्जिद, मंदिर, चर्चा और गुरुद्वारे को कवर करेगी। ममता बनर्जी का कहना है कि 22 जनवरी को मैं यह रैली निकालूंगी। इसकी शुरुआत काली मां के मंदिर में पूजा-अर्चना से होगी। इसके बाद हजरा से पार्क सर्कस मैदान तक रैली जाएगी। बीच में मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे को कवर किया जाएगा। सभी धर्मों को मानने वाले लोग इस रैली में शामिल होंगे।

उद्धव ठाकरे नासिक के मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी भले 22 जनवरी को अयोध्या में नहीं होंगे, लेकिन वह भी उस दिन पूजा-अर्चना करेंगे। नासिक के कालाराम मंदिर में 22 जनवरी को महा आरती आयोजित की गई है। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है और काले पत्थर से बनी मूर्ति के नाम पर इस मंदिर का नाम भी रखा गया है। इस महाआरती के लिए उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी अपना न्योता दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे अपने लेटर में कहा है कि सबसे पहले मैं आपको अयोध्या के पवित्र जन्मस्थान मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। यह संपूर्ण भारत वर्ष के लिए हर्षोल्लास के साथ बाला साहेब ठाकरे के धर्म संकल्प पूर्ति की पूर्णाहुति है।

क्या 22 जनवरी को असम में मंदिर जाएंगे राहुल?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस समय पूर्व से पश्चिम तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। यह यात्रा भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा भाग है। पहली यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक हुई थी, जिसे राहुल गांधी ने पैदल पूरी की थी। हालांकि, राहुल गांधी को अयोध्या के राम मंदिर का न्योता नहीं मिला है, लेकिन कांग्रेस में खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने न्योता ठुकरा दिया था। एनडीटीवी के अनुसार, राहुल गांधी 22 जनवरी को असम में होंगे और माना जा रहा है कि वह वहीं असम के एक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद दर्शन करने जाएंगे अखिलेश-पवार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी राम मंदिर समारोह का न्योता दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य जाएंगे। सपा प्रमुख यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर चंपत राय को लिखे एक पत्र को साझा किया, जिसकी शुरुआत में उन्होंने कहा कि हम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पश्चात सपिरवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे। आज प्राप्त निमंत्रण के लिए पुन: धन्यवाद। वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार भी राम मंदिर में 22 जनवरी को नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में दर्शन करेंगे। शरद पवार ने अपने लेटर में कहा, ”22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा होने के बाद मैं स्वतंत्र रूप से समय निकालकर दर्शन के लिए आऊंगा और तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *