राम मंदिर के साथ श्रीरामजन्म भूमि परिसर में निर्माणाधीन कार्यों की गति कितनी तेज है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निर्माण की प्रगति समीक्षा हर सप्ताह जहां वर्चुअल रीति से हो रही है, तो भौतिक सत्यापन के साथ प्रगति समीक्षा हर पखवाड़े की जा रही है।बीते 24-25 मई को हुई भवन निर्माण समिति की बैठक के बाद एक बार फिर रविवार को भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र अयोध्या पहुंचे हैं।महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर अपराह्न डेढ़ बजे पहुंचने के बाद वह सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचे और आराध्य का दर्शन करने के उपरांत राम मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने रामलला के चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित की। इसके बाद निर्माणाधीन कार्यों का भी अवलोकन किया। पुनः कार्यदाई एजेंसियों एलएण्डटी व टीसीई के अभियंताओं से वार्तालाप कर वापस सर्किट हाउस लौट गये। समिति की विधिवत बैठक की शुरुआत सोमवार को होगी। पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से प्रस्तावित बैठक से पहले समिति के चेयरमैन मिश्र तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ दोबारा निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही अलग-अलग सत्रों में समीक्षा बैठक होगी।द्वितीय तल के निर्माण के साथ शिखर निर्माण की भी तैयारी: राम मंदिर में प्रथम व द्वितीय तल का निर्माण एक साथ चल रहा है। प्रथम तल का स्ट्रक्चर पूरी तरह से तैयार हो गया है जबकि द्वितीय तल के निर्माण में पत्थरों का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इस स्ट्रक्चर के पूरा होने के साथ शिखर निर्माण भी शुरू हो जाएगा। पिछली बैठक में द्वितीय तल का निर्माण पूरा करने के लिए अगस्त 2024 तक का लक्ष्य तय किया गया है जबकि सम्पूर्ण मंदिर के निर्माण का लक्ष्य दिसम्बर 2024 में तय किया गया है।भवन निर्माण समिति की सोमवार से होने वाली बैठक में अगस्त के निर्धारित लक्ष्य को लेकर निर्माण के प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में परकोटे में निर्माणाधीन छह मंदिरों के अलावा सप्तर्षि मंडपम व शेषावतार मंदिर को मिलाकर 14 मंदिरों के निर्माण की समीक्षा के अलावा इनमें स्थापित होने वाली मूर्तियों के निर्माण पर भी मंथन किया जाएगा।