बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्यांकांड में लखनऊ सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। लखनऊ सीबीआई कोर्ट प्रथम की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा ने प्रयागराज के राजूपाल हत्याकांड में सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजावीन कारावास की सजा सुनाई है।साथ की सभी को 50-50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। कोर्ट ने फरहान अहमद, इसरार अहमद, रंजीत पाल, जावेद, आबिद गुलशान, अब्दुल कवि को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
आपको बता दें कि 25 जनवरी 2005 को पूर्व बसपा विधायक राजूपाल की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शहर में जमकर बवाल हुआ था। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के बाद पुलिस ने अप्रैल 2005 में 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसके बाद विवेचना सीआईडी की अपराध शाखा को सौंप दी गई। 2008 में बसपा शासन में अग्रिम विवेचना के दौरान तत्कालीन विवेचक एनएस परिहार ने भी अब्दुल कवि को वांटेड किया, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इस हत्याकांड में फरार आरोपियों ने सेटिंग करके अपनी गिरफ्तारी दी, लेकिन कवि ने सरेंडर नहीं किया। कौशांबी सराय अकिल निवासी अब्दुल कवि पुलिस के लिए छलावा ही बना रहा। पुलिस और एसटीएफ उस तक नहीं पहुंच पाई। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजूपाल हत्याकांड की जांच की। सीबीआई ने 17 आरोपियों में केवल 10 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया, जिसमें अतीक और अशरफ समेत अब्दुल कवि आरोपित हुए।