राजस्थान में 27 दिन बाद भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडला का पहला विस्तार हो गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने 22 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें 16 पहली बार विधायक बने है। एक सीट पर वोटिंग बाकी, उसके प्रत्याशी को भी मंत्री बना दिया है कैबिनेट मंत्री-किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर , राज्यवर्धन राठौड़, बाबू लाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश रावत, अविनाश गहलोत, जोगाराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैया लाल चौधरी और सुमित गोदारा।राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)- संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल सिंह टीटी और हीरा लाल नागर।
राज्यमंत्री-ओटाराम देवासी, डॉ. मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, केके विश्नोई और जवाहर सिंह बेडम।
कुल 22 मंत्री बनाए गए है
कुल 22 मंत्री बनाए गए है। इनमें से 12 कैबिनेट मंत्री, 5राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार औऱ 5 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। श्रीकरणपुर से बीजेपी प्रत्याशी है। जहां 5 जनवरी को वोटिंग है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद माना जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुला सकते है। राजस्थान में सीएम समेत कुल 30 मंत्री बन सकते है। अभी भी 5 मंत्री बनाए जा सकते है।
कैबिनेट मंत्री के रूप में ली शपथ
किरोड़ीलाल मीणा
बीजेपी के दिग्गज नेता। सवाई माधोपुर से विधायक है। 2003 में भी यहां से विधायक रहे है। इस बार सीएम के सलाहकार दानिश अबरार को चुनाव हराया है। राज्यसभा सासंद थे। बीजेपी ने इस बार विधायक का चुनाव लड़वाया। प्रयोग सफल रहा। 22 हजार वोटों से जीते। किरोड़ी लाल पहले भी वसुंधरा राजे सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके है।
गजेंद्र सिंह खींवसर
जोधपुर जिले लोहावट से विधायक है। राजपरिवार से आते है। वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। खेलमंत्री रहे थे। कई बार विधायक रहे है। गजेंद्र सिंह खींवसर को राजे का समर्थक माना जाता है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़
पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर की झोटवाड़ा से पहली बार विधायक बने है। करीब 60 हजार मतों से जीत हासिल की है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को हराया। विधायक बनने से पहले जयपुर ग्रामीण से दो बार सांसद रहे। सीकर जिले की दांतारामगढ़ तहसील के रहने वाले है।
हेमंत मीणा
हेमंत मीणा कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है। प्रतापगढ़ विधानसभा से बीजेपी के विधायक है। उनके पिता नंदलाल मीणा पूर्व मंत्री रह चुके है। नंदलाल मीणा को वसुंधर राजे का कट्टर समर्थक माना जाता था। हेमंत मीणा पहली बार विधायक बने है। इससे पहले 2018 में चुनाव हार गए थे।
सुमित गोदारा
बीकानेर जिले लूणकरनसर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बने है। सुमित गोदारा दूसरी बार विधायक बने है। इससे पहले गोदारा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरेंद्र बेनीवाल को चुनाव में हराया था। इस बार कांग्रेस ने बेनीवाल को टिकट नहीं दिया। निर्दलीय चुनाव लड़े। हार का सामना करना पड़ा। सुमित गोदारा पर किसी कैंप विशेष की छाप नहीं रही है।
जातीय समीकरणों का रखा ध्यान
राजस्थान में कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरणों को पूरा ध्यान रखा गया है। मंत्रिमंडल में 4 जाट, राजपूत 2, मीणा 2, गुर्जर 1, कुमावत 1, ब्राह्मण 2, विश्नोई 1, सिख 1, माली 1, देवासी 1 को जगह मिली है। राजपूत बीजेपी का कोर वोट बैंक माना जाता है। लेकिन आबादी की हिसाब से 2 ही मंत्री बनाए है। जबकि पिछली गहलोत सरका में 3 कैबिनेट मंत्री मीणा समुदाय से बनाए गए थे। इस बार दो बनाए गए है।
जिलेवार मंत्रिमंडल विस्तार
गंगानगर-1, बीकानेर-1, सीकर-1, जयपुर-4, अलवर-1, भरतपुर-1, स.माधोपुर-1, टोंक-1, अजमेर-1, नागौर-2 पाली-2, जोधपुर-2, बाड़मेर-1, सिरोही-1, चित्तौड़गढ़-1, प्रतापगढ़-1उदयपुर-1 और कोटा से 2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सीएम के सामने सबसे बड़ी चुनौती विभागों के बंटवारे की रहेगी।