घोसी में ओपी राजभर के बेटे के साथ खेला भी हुआ? क्यों हो रही लीलावती राजभर की इतनी चर्चा

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से उतरे एनडीए के सहयोगी ओपी राजभर तमाम कोशिशों के बाद भी अपने बेटे अरविंद राजभर को सांसद नहीं बना सके हैं। घोसी विधानसभा उपचुनाव की तरह घोसी लोकसभा चुनाव में भी ओपी राजभर का दावा फुस्स हो गया है।अरविंद राजभर डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोटों से हार गए हैं। इस बीच यहां से उतरीं लीलावती राजभर रिजल्ट आने के बाद से चर्चा में हैं। लीलावती को 47 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। ओपी राजभर के पार्टी के लोगों का दावा है कि यह वोट अरविंद राजभर का ही है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी चुनाव चिह्न की गफलत में लोगों ने अरविंद राजभर की जगह लीलावती राजभर को वोट दे दिया है।
अरविंद राजभर को सपा के राजीव राय ने एक लाख 62 हजार 943 वोटों से हराया है। राजीव राय को 5 लाख 3 हजार 131 और अरविंद राजभर को 3 लाख 40 हजार 188 वोट मिले हैं। चुनाव आयोग का पूरा आंकड़ा सामने आने के बाद एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। मूल निवासी समाज पार्टी की प्रत्याशी लीलावती राजभर 47 हजार से ज्यादा वोट पा गई हैं। लीलावती राजभर यहां भाजपा, सुभासपा और बसपा के बाद सबसे ज्यादा वोट पाने वाली प्रत्याशी हैं। इस वोट को अरविंद राजभर का वोट बताया जा रहा है। इसके पीछे का जो बातें कहीं जा रही हैं वह झूठ भी नहीं लगती हैं।
दरअसल सुभासपा प्रत्याशी अररिंवद राजभर और लीलावती राजभर का चुनाव चिह्न इतना ज्यादा मिलताझुलता था कि कोई भी पहली बार में कन्फ्यूज हो जाएगा। फिर दोनों के नाम के पीछे राजभर भी लगा था। सुभासपा का चुनाव चिह्न तो पहले से ही छड़ी है। लीलावती को संयोग से हॉकी मिल गया था। बैलेट पेपर और ईवीएम पर दोनों चिह्न एक समान ही लग रहे थे। बस अंतर इतना था की छड़ी में आगे का घुमा वाला हिस्सा ऊपर दिखाई दे रहा था और हॉकी में नीचे की ओर था। सुभासपा नेताओं का कहना है कि हॉकी चुनाव चिह्न् ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे छड़ी को उल्टा कर दिया गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। लोग इसे अरविंद राजभर के साथ खेला से जोड़ रहे हैं। हालांकि लीलावती का वोट अरविंद राजभर के साथ जोड़ भी दिया जाए तो वह एक लाख वोटों से सपा प्रत्याशी से पीछे ही रह जाएंगे।

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