31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा की आग में जले नूंह में एक बार फिर नफरत सुलगाने की साजिश की गई है। गुरुवार रात वार्ड नंबर 10 में मदरसे की छत से पथराव में तीन महिलाएं घायल हो गईं।
घटना के बाद एक बार फिर नूंह में तनाव फैल गया है। कुआं पूजन के लिए जा रही महिलाओं पर हमले के विरोध में अधिकतर हिंदू व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं। कुछ जगहों पर लोगों ने सड़कों पर निकलकर विरोध प्रदर्शन भी किया है। संवेदनशील हालात को देखते हुए पुलिस ने पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
पुलिस ने कहा कि राम अवतार नाम के व्यक्ति के घर में गुरुवार रात को कुआं पूजन था। परिवार की महिलाएं और दूसरे सदस्य रात को करीब 8 बजे इसके लिए पास में ही शिव मंदिर जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक करीब 20 की संख्या में ये लोग जैसे ही मदरसे के पास पहुंची। आरोपियों, जिसमें से अधिकतर नाबालिग थे, ने उनपर पथराव शुरू कर दिया। जांच में शामिल पुलिसकर्मियों ने बताया कि तीन महिलाएं जख्मी हुईं जिन्हें इलाज के लिए नूंह के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में ले जाया गया।
पुलिस ने कहा कि पीड़ित पक्ष के लोग खुद को बचान के लिए वहां से भागे और इसके बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एहतियात के तौर पर घटनास्थल और आसपास के इलाकों में भारी सुरक्षा की तैनाती की गई है। नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारणिया भी स्थिति को काबू में रखने के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मदरसा के मौलवी ने वहां पढ़ने वाले कुछ छात्रों की संलिप्तता की बात स्वीकार की है। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा, ‘दोनों पक्षों के साथ बातचीत की गई है। गुरुवार रात घटना के बाद तुरंत ही दोनों पक्षों को अलग कर दिया गया था।’
इस बीच हिंदू व्यापारियों ने शुक्रवार सुबह से ही अपनी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखा है। हिंदूवादी संगठनों ने घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त ऐक्शन की मांक की है। यह घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा पर हमले के बाद नूंह समेत हरियाणा के कई जिलों में सांप्रदायिक झड़पें हुईं थीं। हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे। पुलिस ने हिंसा के बाद सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया।