नीतीश ने नहीं लिया ललन सिंह का नाम; 22 नेताओं में पूर्व जेडीयू अध्यक्ष का जिक्र नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह के बीच बदलते समीकरण की एक झलक पार्टी की कर्पूरी ठाकुर जन्मशती रैली में मिल गई जब सीएम ने 22 नेताओं का नाम लिया लेकिन ललन सिंह का जिक्र नहीं किया।नीतीश ने 22 नेताओं के जिक्र में दो विधायक तक का नाम ले लिया लेकिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को छोड़ दिया। ललन सिंह ने पद छोड़ते वक्त कहा था कि मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वो काफी समय से नीतीश से पद से मुक्त करने की बात कर रहे थे।बीजेपी ने तब कहा था कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव से ललन सिंह की नजदीकी की वजह से नीतीश ने उन्हें विदा कर दिया। बीजेपी का आरोप था कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को जल्दी मुख्यमंत्री बनाने की आरजेडी की कोशिश में ललन सिंह की भूमिका से नीतीश कुमार नाराज थे। ललन सिंह के रवैए से पार्टी के दूसरे नेताओं की नाराजगी भी एक वजह बताई गई थी।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर पटना में आज सभी प्रमुख पार्टियों के कार्यक्रम थे। जेडीयू ने अति पिछड़ों की बड़ी रैली की जिसमें दो लाख से ज्यादा लोगों के आने का दावा किया गया है। आरजेडी ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जिसमें लालू और तेजस्वी के अलावा पार्टी के मंत्री और दूसरे नेता शामिल हुए। बीजेपी ने प्रदेश कार्यालय के बाहर सड़क पर ही एक ट्रक पर मंच बनाकर कर्पूरी जयंती पर कार्यक्रम किया क्योंकि उसे मिलर स्कूल मैदान नहीं मिला।

जेडीयू के कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह में नीतीश कुमार दोपहर बाद पहुंचे। उनके आने से पहले बिहार सरकार के सारे मंत्री और दूसरे नेता बोल चुके थे। नीतीश के पहुंचने के बाद पार्टी के उपाध्यक्ष और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, पार्टी महासचिव, सांसद और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने भाषण किया। ललन सिंह के बाद नीतीश का भाषण हुआ। नीतीश ने भाषण में जेडीयू के 22 नेताओं का नाम लिया। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से लेकर दो विधायक तक का नाम लिया लेकिन कुछ महीने पहले तक सबसे खास रहे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह का नाम नहीं लिया।

नीतीश कुमार ने जिन 22 जेडीयू नेताओं का नाम लिया उनमें भाषण में जिक्र के क्रम में ये नाम आए- उमेश सिंह कुशवाहा, धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी, रामनाथ ठाकुर, वशिष्ठ नारायण सिंह, केसी त्यागी, मंगनी लाल मंडल, विजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, महेश्वर हजारी, अली अशरफ फातमी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, शीला मंडल, जमा खान, सुनील कुमार, जयंत राज, रत्नेश सदा, सुमित कुमार सिंह, हरि नारायण सिंह और नरेंद्र नारायण यादव। आखिरी दो नाम विधायकों के हैं। नीतीश ने इतने नाम लिए लेकिन मंच पर एक कुर्सी छोड़कर बैठे ललन सिंह का नाम नहीं लिया।

नीतीश द्वारा पूर्व जेडीयू अध्यक्ष का जिक्र नहीं करने की चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में होने लगी है और इसका माने-मतलब निकाला जाने लगा है। और याद बस ये बात आ रही है कि बीजेपी नेताओं ने कहा था कि ललन सिंह का पत्ता कट गया है। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने वाले ललन सिंह के लिए यह खतरे की घंटी है।

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