
मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के करीबी रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी से बगावत कर दी है। सोमवार की शाम उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई।घंटों चली बैठक के बाद नारद राय ने ‘साइकिल’ में ताला लगाने को तो कहा ही, भाजपा को जिताने की अपील भी कर दी। पूरी बैठक बकायदा फेसबुक पर लाइव रही। नारद राय ने राष्ट्रीय और जिला नेतृत्व पर उपेक्षा व अपमानित करने का आरोप लगाया। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जल्द ही आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले रायबरेली से कद्दावर नेता मनोज पांडे समेत कई सपा विधायक बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं।रविवार को बलिया संसदीय सीट से सपा प्रत्याशी सनातन पांडे के समर्थन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा थी। मंच से नारद राय ने संबोधन भी किया था। अखिलेश यादव ने बोलना शुरू किया तो मंच पर बैठे तमाम नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों का नाम तो लिया लेकिन नारद राय का नाम नहीं लिया। नारद राय और उनके खेमे ने इसे अपमान माना और यहीं से बगावत के सुर तेज भी होने लगे।उधर, नारद राय ने लोकसभा प्रभारी वीरपाल यादव के कहने पर सोमवार को अपने समर्थकों की बैठक दो दिन पहले से ही बुला रखी थी। इसी बीच, रविवार को अखिलेश यादव की सभा में हुए घटनाक्रम ने बैठक को नया मोड़ दे दिया। जिले भर से जुटे समर्थकों ने बैठक में अपनी बात रखी। इसके बाद नारद राय ने अपने भाषण में बगावत का ऐलान कर दिया।राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही जिला संगठन और स्थानीय कुछ नेताओं पर खुद की अनदेखी व अपमानित करने का आरोप लगाया। उन्होंने सपा को हराने की अपील करते हुए ‘साइकिल’ में ताला लगाने और भाजपा को जिताने की अपील भी कर दी। कयास लगाए जा रहे हैं कि नारद राय जल्द ही आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो सकते हैं। चर्चा यह भी है कि 29 मई को जिले में अमित शाह की सभा के दौरान भी ऐसा हो सकता है।
लम्बे समय से लग रहे थे कयास
सपा प्रत्याशी की घोषणा के बाद से ही नारद राय को लेकर कयासबाजी तेज हो गयी थी। उम्मीदवार के आगमन पर स्वागत कार्यक्रम से लेकर नामांकन तक में नारद राय कटे-कटे ही रहे। हालांकि उन्होंने खुद की अनदेखी का आरोप जिला संगठन व स्थानीय कुछ नेताओं पर लगाया। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से उनकी ओर से हो रही पोस्ट से भी राजनीतिक गलियारे में अटकलों का दौर तेज हो रहा था। जानकारों की मानें तो कुछ दिनों से जल रही बगावत की चिंगारी को रविवार की सभा में हवा मिल गयी और नारद राय ने सपा से बगावत का खुला ऐलान कर दिया।