वो बार-बार बेहोश हो रहे थे, समय पर इलाज नहीं मिला, मुख्तार की मौत पर अफजाल अंसारी का बड़ा आरोप

बांदा जेल में हार्ट अटैक से हुई माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर उनके भाई अफजाल अंसारी ने प्रशासन भी गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान अफजाल बोले, वो बार-बार बेहोश हो रहा था, लेकिन समय पर उसे इलाज नहीं दिया गया।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्तार को जहर देकर मारा गया है। मुख्तार की जब मौत हो गई तब उसका इलाज करने का नाटक किया गया। अफजाल अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा, मुख्तार की मौत के बाद चालाकी से इस तरह का एक ड्रामा रचा गया था। उन्होंने बताया, किसी के घर से एडमिट होने तो गए नहीं थे, अस्पताल में भर्ती किया गया था। अगर वो ड्रामा था तो 24 घंटे बाद जो कुछ हो गया ये क्या था? अफजाल ने बताया कि जिस दिन मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसी दिन मुख्तार ने साढ़े तीन बजे अपनी बहू से बात की और अपने बेटे से भी बात की।
बातचीत के दौरान मुख्तार ने बहू और बेटे से कहा था कि मेरी बॉडी मेरा साथ छोड़ रही है। मैं बैठने-उठने लायक भी नहीं रह गया हूं, मुझे बेहोशी आ जा रही है। बार-बार बेहोश हो जा रहा था, फिर होश में आ रहा था और उसको नाटक माना गया। जब वह मुंह से खून फेंक दे रहा है और मर गया है तब उसे अस्पताल लेकर गए। फिर नाटक करके फोर्स चारों तरफ लगाकर दिखाया कि इलाज कर रहे हैं और ये घोषित करवा रहे हैं कि हार्ट अटैक आ गया। कहीं अगर भगवान है तो हम आप देखें या न देखें वो तो देख रहा है। मुख्तार हट्टा-खट्टा गुड पर्सनल्टी का आदमी था। वह मुझसे 10 साल छोटा था।
गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया मुख्तार
माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को गाजीपुर जिले के उनके पैतृक निवास युसूफपुर मोहम्मदाबाद के निकट कालीबाग स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले मुख्तार के पैतृक आवास से सुबह के समय जनाजा निकाला गया जिसमें उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी, पुत्र उमर अंसारी और भतीजे विधायक सुहेब अंसारी समेत परिवार के सदस्य तथा समर्थक शामिल रहे। उनके बड़े भाई एवं पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी समेत परिवार और रिश्तेदार भी जनाजे में शामिल हुए। इस दौरान भीड़ ने नारे भी लगाए।
पैतृक आवास के पास मैदान में पढ़ी गई नमाज
मुख्तार का शव दफनाने से पहले पैतृक आवास के निकट मैदान में भी नमाज पढ़ी गई। बाद में भी नमाज अदा की गयी। अंसारी के पैतृक आवास से कब्रिस्तान की दूरी आधा किलोमीटर से भी कम है। हालांकि जनाजे को यहां तक लाने में काफी समय लगा। वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया ने बताया, मैं यहां मोहम्मदाबाद में मौजूद हूं और पुलिस उप महानिरीक्षक यहां पर्यवेक्षण कर रहे हैं। वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. ओ.पी. सिंह ने बताया, मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले उनके आवास से जनाजा उठा और शुरुआत में घर के पास में नमाज-ए-जनाजा अदा की गयी। इसके बाद प्रिंस मैदान में भी नमाज पढ़ी गयी। भीड़ द्वारा नारेबाजी और कब्रिस्तान में जाने से रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि परिवार के लोगों ने 40-50 लोगों की सूची दी थी, जिन्हें कालीबाग कबिस्तान में दफनाये जाने के समय रहने दिया गया।
गुरुवार को बांदा जेल में मुख्तार को पड़ा था हार्ट अटैक
बांदा जेल में गुरुवार को माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई थी। तबीयत बिगड़ने की सूचना पर मुख्तार को पहले बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से मौत की पुष्टि हुई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों के अनुसार अंसारी के पोस्टमार्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।

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