मणिपुर में फिर कत्लेआम, लकड़ी काटने गए लोगों की बेरहमी से हत्या; उग्रवादियों ने बनाया निशाना

हीनों से चल रही मणिपुर में हिंसा, मर्डर और आगजनी की घटनाएं शांत होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्य से मर्डर की घटना सामने आई जहां एक कुछ संदिग्ध उग्रवादियों ने एक व्यक्ति सहित उसके तीन बेटों का अपहरण कर, उनकी हत्या कर दी।

एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो यह घटना मणिपुर के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिले के बीच एक पहाड़ी इलाके की बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।

रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मणिपुर की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर के अकासोई गांव के चार लोग कड़ाके की सर्दी में जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने के लिए पास के जंगल में गए थे। कल लापता हुए लोगों के परिवारों द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, संदिग्ध विद्रोहियों द्वारा पहले उनका अपहरण किया गया और फिर उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया। बिष्णुपुर के कुंभी में पुलिस ने आज जंगल में जाकर शव बरामद किए। सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान को जारी रखा है।

यूएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीणों ने कहा कि ए दारा सिंह, ओ रोमेन, टी इबोम्चा और उनके बेटे टी आनंद बुधवार को लकड़ी लेकर आ रहे थे, तभी उन पर हथियारबंद बदमाशों ने हमला कर दिया। ग्रामीणों ने संदेह जताया है कि सभी हमलावर दूसरे जातीय समूह से संबंधित थे।

बाद में ग्रामीणों ने विभिन्न कूकी संगठनों द्वारा संचालित सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर दो लापता व्यक्तियों के क्षत-विक्षत शव देखे। इस बीच पुलिस ने कहा कि अभी तक शव बरामद नहीं हुए हैं। एक अन्य घटना में कल रात कुछ उपद्रवियों ने कथित तौर पर सैन्य मुख्यालय, लीमाखोंग के पास लीमाखोंग बिजली परियोजना में तोड़फोड़ की और फैला हुआ तेल मणिपुर घाटी क्षेत्रों की ओर एक नदी में बहा दिया।

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