लोकसभा चुनाव के लिए अब 80 में से 32 प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी समाजवादी पार्टी इस मामले में सबसे आगे चल रही है। वहीं, भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में एक नया प्रयोग करने जा रही है।पार्टी पहली बार आचार संहिता लगने से पहले ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर सकती है। पहले चरण में 2019 के चुनाव में हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। फिलवक्त प्रदेश में 14 हारी हुई लोकसभा सीटें हैं। इनमें से दो सहयोगी दलों रालोद और सुभासपा के खाते में जा सकती हैं। ऐसे में पार्टी अगले आठ-दस दिनों में दर्जनभर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है।2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि दो सीटें अपने सहयोगी अपना दल (एस) को दी थीं। भाजपा ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि अपना दल दोनों सीटें जीता था। वहीं दूसरी ओर बसपा ने 10, सपा ने 5 और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर सीटें भी सपा से छीन ली थीं। ऐसे में एनडीए सांसदों की संख्या 66 हो गई। हारी हुई 14 सीटों में से बिजनौर रालोद को और गाजीपुर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के खाते में जा सकती है। बाकी सीटों पर भाजपा जल्द प्रत्याशी उतारने की तैयारी में जुटी है।
पार्टी ने बहुत पहले शुरू कर दी थी तैयारी
दरअसल, हारी हुई लोकसभा सीटों पर भाजपा ने काफी पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। पहले इन सीटों को क्लस्टर में बांटकर तीन केंद्रीय मंत्रियों को लगाया गया था। पार्टी ने केंद्रीय स्तर से यूपी सहित देश की हारी सीटों का काम देखने के लिए बनी टीम में राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को भी जिम्मेदारी दी थी। इसके अलावा कुछ प्रदेश पदाधिकारियों को इन क्लस्टरों के संयोजक का जिम्मा दिया गया था। भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह इन सीटों पर बूथ कमेटियों से लेकर पन्ना प्रमुखों और पन्ना समितियों के गठन सहित विभिन्न गतिविधियों को लेकर लगातार बैठकें व मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
पार्टी हारी सीटों पर लोकसभा विस्तारक भेज चुकी है। इन लोकसभा क्षेत्रों के तहत आने वाली विधानसभाओं में भी विस्तारक उतारे जा चुके हैं। प्रत्याशी को लोगों तक पहुंचने का अधिक समय मिल सके, इसलिए पहले प्रत्याशी उतारने की योजना है। कई सीटों पर चेहरे तय भी कर लिए गए हैं। वहीं दावेदारों ने भी दिल्ली की दौड़ तेज कर दी है।