आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव ने पटना की एमएपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को सरेंडर कर दिया। पुलिस टीम इससे पहले सुभाष यादव के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंच गई।कुर्की-जब्ती के डर से उसने सरेंडर कर दिया। सुभाष पर जमीन कब्जे, धोखाधड़ी, रंगदारी समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अदालत ने सुभाष को भगोड़ा घोषित किया हुआ था। साथ ही संपत्ति को कुर्क करने का आदेश भी जारी किया गया था।सुभाष यादव पूर्व सीएम राबड़ी देवी के छोटे भाई हैं। उनके खिलाफ पटना ग्रामीण के नेऊरा पीओ इलाके के बेला गांव में रहने वाले भीम वर्मा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में सुभाष की पत्नी रेणु देवी और बेटे रणधीर कुमार, पंकज यादव, अर्जुन राय, अरुण कुमार उर्फ मुखिया और अरुण सिंह का भी नाम है।एफआईआर के मुताबिक सुभाष ने पीड़ित भीम वर्मा की मां से 96 लाख रुपये में अपनी पत्नी के नाम पर 7 कट्ठा जमीन खरीदी थी। भीम ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी 2021 को उसपर 60 लाख रुपये वापस करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उनकी मां और भाई को पूर्व सांसद ने अपने घर में बंधक बना लिया और पैसा वापस नहीं करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी।
सीएम नीतीश के कहने पर हुई थी एफआईआर
6 जून 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में यह मामला पहुंचा। सीएम के कहने पर सुभाष यादव और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही पटना के डीएम को इस घटना की जांच के आदेश दिए गए। पुलिस ने बीते 30 जनवरी को एयरपोर्ट पुलिस थाना इलाके के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी में सुभाष यादव के घर पर भगौड़ा का नोटिस चस्पा किया था।
बीते सोमवार अदालत ने पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया और वारंट जारी किया। दानापुर की एएसपी दीक्षा ने बताया कि मंगलवार को अदालत का आदेश तामील करवाने पुलिस टीम सुभाष यादव के घर कुर्की के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची। पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू करती, इससे पहले ही आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।