न्यूजीलैंड के ऑकलैंड स्थित लोकप्रिय रेडियो होस्ट हरनेक सिंह की हत्या के प्रयास के लिए तीन खालिस्तान समर्थकों को सजा सुनाई गई है। हरनेक सिंह खालिस्तान की विचारधारा के खिलाफ मुखर रहे हैं।
27 साल के सर्वजीत सिद्धू को हत्या के प्रयास का दोषी पाया गया है। जबकि 44 साल के सुखप्रीत सिंह को हत्या में साथ देने का दोषी पाया गया। द ऑस्ट्रेलिया टुडे ने एनजेड हेराल्ड का हवाला देते हुए बताया कि तीसरा व्यक्ति, 48 वर्षीय ऑकलैंड निवासी, जिसका नाम उजागर नहीं किया गया है। उन्होंने खालिस्तान के मुखर विरोध के लिए हरनेक सिंह के प्रति नाराजगी रखते हुए हमले की योजना बनाई थी।
‘आस्ट्रेलिया टुडे’ वेबसाइट की खबर के अनुसार 23 दिसंबर, 2020 को रेडियो प्रस्तोता हरनेक सिंह जब कहीं जा रहे थे तब उन पर धार्मिक चरमपंथियों ने घात लगाकर हमला किया था। चाकू से किये गये वार के चलते उन्हें 40 से अधिक जख्म पहुंचे थे और 350 से अधिक टांके लगाये गये थे एवं कई सर्जरी की गयी थीं। तब उनकी जान बची थी। सुखप्रीत सिंह (44) को इस वारदात में साथ देने का दोषी पाया गया जबकि सर्वजीत सिद्धू (27) ने हत्या की कोशिश का अपराध स्वीकार कर लिया। तीनों भारतीय मूल के हैं।
न्यूजीलैंड हेराल्ड अखबार के अनुसार तीसरे व्यक्ति और ऑकलैंड निवासी (48) को इस अपराध के लिए सबसे लंबी कैद की सजा में एक सुनायी गयी है। अखबार के मुताबिक 28 नवंबर को सुनवाई के दौरान एक न्यायाधीश ने कहा कि सामुदायिक सुरक्षा और प्रतिरोध का मजबूत संदेश इतने असामान्य मामले के लिए जरूरी हैं। आस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार तीसरा आरोपी अपराध के समय घटनास्थल पर नहीं था । अदालत को बताया गया कि सालभर से उसके मन में हरनेक के प्रति नफरत भरी थी क्योंकि वह खालिस्तान के खिलाफ मुखर था।
न्यायाधीश ने कहा कि उसने हरनेक सिंह को ‘निशाना’ बनाने की साजिश रची तथा अपनी इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने गुर्गों को लगाने के लिए अपने करिश्माई प्रभाव का इस्तेमाल किया। हेराल्ड की खबर है कि साढ़े 13 साल की कैद की सजा सुनायी गयी है। अभियुक्त को नौ साल तो सलाखों के पीछे रहना ही होगा उसके बाद वह पेरौल के लिए आवेदन दे सकता है।