काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को मिलेगी 90 हजार सैलरी, राज्य कर्मचारियों की तरह भत्ते भी

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 50 पुजारियों की भर्ती की जाएगी। पुजारियों की भर्ती तीन श्रेणियों में होगी। वरिष्ठ अर्चक 90 हजार, कनिष्ठ अर्चक 70 हजार और सहायक अर्चक 45 हजार प्रति माह वेतन दिया जाएगा।यही नहीं पुजारियों को राज्य कर्मचारियों की तरह कई भत्ते भी दिए जाएंगे। दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 105वीं बैठक में पुजारी सेवा नियमावली को लेकर सहमति बन गई है ।आपको बता दें कि कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक की शुरुआत न्यास अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडे की अध्यक्षता हुई। यह भी निर्णय हुआ कि मंदिर की ओर से संस्कृत प्रतियोगिता होगी। यह अंतर्विद्यालयी सहित सभी स्तर पर की जाएंगी। शहर के स्टेशनों, बस अड्डों और घाटों पर रहने वाले लोगों को प्रतिदिन बाबा का प्रसाद बनाकर वितरण किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि मंदिर के अन्नक्षेत्र में प्रसाद तैयार कर मंदिर के ही वाहनों से पैकेजिंग करने के बाद दोपहर में वितरण किया जाएगा। प्रसाद में खिचड़ी, छोला चावल व पुड़ी सब्जी आदि का प्रस्ताव है।बैठक में भूमि और भवन के उपयोग के लिए एक आर्किटेक्ट कंपनी को तैनात करने पर भी सहमति बनी। बढ़ती दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए सुविधाओं में इजाफा करने का भी निर्णय हुआ, जिसमें भूमि भवन का क्रय कर सड़कों की चौड़ीकरण, पार्किंग आदि शामिल है।

न्यास के सदस्य और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल ने मंदिर की ओर से संस्कृत विश्वविद्यालय को सहयोग करने की अपेक्षा की। न्यास अध्यक्ष ने भवन के मरम्मत और उनके रखरखाव को लेकर एक करोड़ रुपये देने का सुझाव दिया। जिस पर बैठक में सहमति बन गई। तिरुपति बालाजी और महाकाल की तर्ज पर विश्वनाथ मंदिर में भी प्रसाद की एक अलग रेसिपी तैयार करने पर सहमति बनी। इसके पूर्व मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने पिछली बैठक में लिए गए निर्णय के अनुपालन व आगामी सत्र के बजट पर चर्चा की। मंदिर के ट्रस्टी वेंकट रमन घनपाठी के वैदिक मंत्रों से मंगलाचरण भी की।

चार दशक बाद पुजारी सेवा नियमावली
न्यास की बैठक में चार दशक बाद पुजारी सेवा नियमावली लागू करने पर निर्णय लिया गया है। जिसमें वरिष्ठ, सहायक व कनिष्ठ अर्चक तीन पद होंगे। इनकी संख्या लगभग 50 होगी। सभी का अलग-अलग रंग का ड्रेस कोड होगा, जिसमें कुर्ता-धोती व दुपट्टा आदि शामिल होगा।

 

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