वक्फ संशोधन विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खोला मोर्चा, 13 मार्च को जंतर-मंतर पर बड़ा प्रदर्शन

मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर एक बार फिर जोरदार हल्ला बोल की तैयारी है। संसद में इस विधेयक पर मोदी सरकार पहले ही बैकफुट पर थी। विपक्ष की आपत्तियों का जवाब सरकार नहीं दे पा रही है। अब वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी मोर्चा खोल दिया है। आने वाली 13 मार्च को जंतर-मंतर पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। पहले यह विरोध प्रदर्शन 10 मार्च को होना था, लेकिन बोर्ड के प्रवक्ता और प्रदर्शन के आयोजक डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि तकनीकी कारणों के चलते तारीख में बदलाव किया गया है।

बता दें कि केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को संसद के आगामी सत्र में पारित कराने की तैयारी में है। इसे लेकर मुस्लिम समाज में गहरी चिंता व्याप्त है। बोर्ड का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की वक्फ संपत्तियों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों, दरगाहों, मठों और मदरसों पर कब्जा करने और उन्हें नष्ट करने के इरादे से लाया गया है। इसलिए इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

बोर्ड और अन्य धार्मिक संगठनों ने इस विधेयक के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को कई ईमेल भेजे और उनसे मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री से भी इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिसमें स्पष्ट किया गया कि मुस्लिम समाज इस विधेयक को पूरी तरह अस्वीकार करता है।

बोर्ड की मजलिस (कार्यकारिणी समिति) ने निर्णय लिया है कि 13 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सुबह 10 बजे प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें बोर्ड का पूरा केंद्रीय नेतृत्व, धार्मिक संगठनों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इस प्रदर्शन में दलित, आदिवासी, ओबीसी समुदायों के सामाजिक-राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ सिख और ईसाई धर्मगुरु भी शामिल होंगे।

दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मेवात के मुसलमानों से प्रदर्शन में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की गई है। बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. इलियास ने कहा कि अगर यह संशोधन विधेयक पारित हुआ, तो मुस्लिम समाज की वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा पर गंभीर संकट आ सकता है। इसलिए यह हमारा धार्मिक कर्तव्य और राष्ट्रीय सम्मान का विषय है कि हम इसका पुरजोर विरोध करें।

 

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