रोवर के स्लीप मोड से वापस आने की विफलता पर उन्होंने कहा, चंद्रमा पर मौसम के कारण तापमान शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है और यदि इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, तो इसके जागने की उम्मीद है।
एस सोमनाथ ने इसरो के आने वाले कार्यक्रमों पर भी खुलकर बोला है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अब एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, यह एक्सपोसैट तैयार है और इसे हमारे पीएसएलवी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। संभावना है कि यह नवंबर या दिसंबर में लॉन्च कर दिया जायेगा। यह ब्लैक होल, नेबुला और पल्सर का अध्ययन करने का एक मिशन है। वहीं उन्होंने कहा, गगनयान मिशन का परीक्षण वाहन ‘डी1’ अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा।
बुधवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा, हम सुनिश्चित करते हैं कि किसी एक व्यक्ति को असफलता के लिए दंडित नहीं किया जाए क्योंकि कोई भी निर्णय किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं लिया जाता है। ये सभी निर्णय सामूहिक बुद्धिमत्ता से लिए जाते हैं।
सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में यह स्पष्ट समझ है कि एक व्यक्ति हर उस चीज को नहीं समझ सकता जिससे सामूहिक निर्णय होता है। उन्होंने कहा, इसलिए सामूहिक निर्णय का मतलब है कि आप असफलताओं की जिम्मेदारी भी लेते हैं। प्रबंधन जिम्मेदारी लेता है, यह किसी व्यक्ति पर नहीं डाला जाता है।