इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच अमेरिका ने फारस की खाड़ी में परमाणु हथियारों से लैस फ्लोरिडा पनडुब्बी को भेजा है। अमेरिका के इस फैसले को ईरान के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है, जो लगातार यह कह रहा है कि इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमले नहीं रोके तो हम युद्ध में उतरेंगे।ऐसे में अमेरिका के इस कदम को ईरान की घेरेबंदी के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा यह अमेरिका की ओर से भी एक संकेत है कि यदि उसने जारी जंग में अपने कदम आगे बढ़ाए तो फिर अमेरिका भी चुप नहीं बैठेगा। इस मिसाइल की तैनाती की पुष्टि खुद अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अधिकारियों ने की है।इस अमेरिकी सबमरीन में एक साथ 154 मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है। इसके अलावा नेवी के 66 सील कमांडो भी इसमें रहते हैं। इस साल यह दूसरा मौका है, जब अमेरिका ने अपनी मारक पनडुब्बी को फारस की खाड़ी में तैनात किया है। अप्रैल में अमेरिका नौसेना ने इस पनडुब्बी की एक तस्वीर शेयर की थी, जिसे भूमध्य सागर में तैनात किया गया था। अमेरिका के इस कदम ने फारस की खाड़ी में तनाव जरूर पैदा कर दिया है। ईरान के साथ लंबे समय से अमेरिका के रिश्ते खराब हैं। यही वजह है कि इजरायल और हमास युद्ध में दोनों अलग-अलग पालों में दिख रहे हैं।एक तरफ ईरान को इजरायल पर हमला करने वाले हमास और हिजबुल्लाह के समर्थक के तौर पर देखा जाता है तो वहीं अमेरिका हमेशा से इजरायल समर्थक रहा है। हमास के हमले के तुरंत बाद अमेरिका ने कहा था कि इजरायल को अपनी रक्षा का हक है। हालांकि जब इजरायली हमलों में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिक भी मारे जाने लगे तो पूरी दुनिया में युद्ध विराम की मांग उठी। इस पर भी अमेरिका ने इजरायल से यह नहीं कहा है कि वह युद्ध रोके, लेकिन यह जरूर कहा कि हमास के आतंकियों के अपराध की सजा फिलिस्तीन के नागरिकों को नहीं दी जा सकती।