केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में हुए कार्यक्रम के बाद विवाद तेज हो गया है। इजरायल ने मांग उठा दी है कि अब भारत में हमास को आतंकवादी समूह घोषित करने का समय आ गया है। खबर है कि केंद्र सरकार केरल में हुए इस कार्यक्रम की जांच करने की तैयारी कर रही है।
सवाल है कि भारत ने अब तक हमास को आतंकवादी संगठन घोषित क्यों नहीं किया है?
ताजा मामला
केरल के एर्नाकुलम में रविवार को हुए धमाके से एक दिन पहले राज्य में हुई फलस्तीन समर्थक रैली हुई। इस रैली को हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मशाल ने वर्चुअल रूप से संबोधित किया था और भड़काऊ भाषण दिया था। इस पर भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने रविवार को आश्चर्य जताया। साथ ही उन्होंने कहा कि अब हमास को भारत की आतंकवादी सूची में जोड़ने का समय आ गया है।
भारत ने की निंदा
आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति रखने वाले भारत ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की निंदा की थी। साथ ही इजरायल के साथ एकजुटता भी जाहिर की थी। हालांकि, अब तक भारत ने हमास को आतंकी संगठन नहीं माना है। भारत किसी समूह को UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के जरिए आतंकवादी संगठन घोषित करता है।
मार्च 2023 तक इस अधिनियम की पहली सूची के तहत 44 घोषित आतंकवादी समूह हैं। इनमें उन आतंकी समूहों का नाम भी शामिल है, जो कभी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में सक्रिय थे। साल 2015 में आखिरी बार ISIS को सूची में शामिल किया गया था। कहा जाता है कि आतंकवादी समूहों में शामिल होने में UAPA में कई जरूरी शर्तें काफी स्थानीय हैं। इनमें भारतीय क्षेत्र में सक्रिय होना, आर्थिक मदद और आतंकवादियों को भर्ती करने जैसी शर्तें शामिल हैं।
इन देशों ने माना आतंकवादी समूह
हमास को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय संघ जैसे कई बड़े देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन आतंकवादी समूह मान चुके हैं। खास बात है कि हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई देश खुलकर इजरायल के समर्थन में भी आ गए थे। वाइट हाउस की तरफ से एक साझा बयान भी जारी किया गया था।