लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण से बढ़ सकता है इन रोगों का जोखिम, जानें कैसे रहें सुरक्षित?

हर साल इसी समय उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण बढ़ने से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को काफी समस्या होती है। वायु प्रदूषण स्किन के साथ अपने साथ कई बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता हैं।

इस का असर गर्भवती महिला के साथ उसके होने वाले शिशु पर भी बढ़ता है। अक्सर लोग वायु प्रदूषण बढ़ने पर गले में खराश, खांसी और गले में दर्द की समस्या से जूझते हैं। वायु प्रदूषण हार्ट संबंधी, फेफड़ों और निमोनिया जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ाता हैं। वायु प्रदूषण से आंख संबंधित समस्याएं भी बढ़ती हैं जैसे आंखों में खुजली, जलन और धुंधलापन। कई बार पता भी नहीं चलता और हम जहरीली हवा को सांस के जरिए अपने अंदर ले लेते हैं, जिस कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं वायु प्रदूषण के कारण किन बीमारियों का जोखिम बढ़ता हैं।

सांस संबंधी समस्याएं

वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। प्रदूषित कणों से फेफड़ों की नली को नुकसान पहुंचता है जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है और फेफड़े संबंधित बीमारियां हो सकती है। दमा और सांस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियां भी वायु प्रदूषण के कारण हो सकती हैं।

इनफर्टिलिटी

शरीर को नुकसान पहुंचाने के साथ फर्टिलिटी पर भी असर डालता है। आज के समय में बहुत से कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से गुजर रहे हैं। वायु प्रदूषण में ज्यादा रहने से पुरुषों में स्पर्म की क्वालिटी गिर सकती हैं। वहीं महिलाओं में मिसकैरिज के चांस बढ़ते हैं।

दिल की बीमारियों का खतरा

वायु प्रदूषण में रहने की वजह से का खतरा भी बढ़ता है। इसकी वजह से हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक आने से चांसेज बढ़ते हैं। जिन लोगों को हार्ट संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें वायु प्रदूषण बढ़ने पर बाहर जाने से बचना चाहिए।

बच्चों की ग्रोथ पर भी असर

वायु प्रदूषण वयस्को के साथ बच्चों पर सीधे तौर पर असर करता है। लंबे समय तक ऐसी जगह पर रहने की वजह से बच्चों की ग्रोथ प्रभावित होने के साथ उनको भी कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता हैं। बच्चे के अंग नाजुक होते हैं, ऐसे में वायु प्रदूषण का सीधा इन पर असर होता है।

किडनी संबंधित समस्याएं

वायु प्रदूषण से शरीर का हर अंग सीधे तौर पर प्रभावित होता है। हानिकारक वायु प्रदूषण की वजह से कार्बन नामक तत्व निकला है। जिससे किडनी संबंधित रोग होने के साथ किडनी डैमेज होने के चांसेज भी बढ़ते हैं। वायु प्रदूषण किडनी पर असर करता है।

वायु प्रदूषण से यह बीमारियां होने का खतरा बढ़ता हैं। हालांकि, वायु प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें, हाइड्रेट रहें और पेड़-पौधे लगाएं।

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