बीते एक महीने से हमास और इजरायल के बीच जारी जंग में भारी धन खर्च हो रहा है। हमास के साथ जारी लड़ाई के बाद इजरायल अब कर्जदार हो गया है। 7 अक्टूबर के बाद से जारी जंग के दौरान इजरायल ने अरबों डॉलर का कर्ज ले लिया है।इजरायल के वित्त मंत्रालय ने खुलासा किया कि फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से इजरायल ने लगभग 30 बिलियन शेकेल (7.8 अरब डॉलर) का कर्ज उठाया है।इजरायल के वित्त मंत्रालय के अनुसार, उस राशि में से 4.1 अरब डॉलर-मूल्यवर्ग का ऋण था जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्गमों से जुटाया गया था। मंत्रालय ने कथित तौर पर अपनी साप्ताहिक बांड नीलामी में स्थानीय बाजार से 957 मिलियन डॉलर और जुटाए। इजरायल के अधिकारियों को दावा कि उनकी सरकार अपनी सभी जरूरतों को पूरी तरह और बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती है।
लगातार बढ़ रहा है कर्ज
इजरायली सरकार का दावा है कि वह अपना धन ज्यादातर सेना और हमास द्वारा बनाए पीड़ितों और बंधकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए खर्च कर रहा है। इन सबके कारण पिछले महीने का बजट बढ़कर 6 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले की तुलना में सात गुना ज्यादा है।
नेतन्याहू के जंग-ए-ऐलान का क्या होगा असर
इजरायली वित्त मंत्रालय ने नवंबर में पिछले महीने की तुलना में 75% अधिक उधार लेने की योजना की भी घोषणा की है। इस बीच, बैंक ऑफ इजरायल के गवर्नर अमीर यारोन ने सरकार से अर्थव्यवस्था का समर्थन करने और मजबूत राजकोषीय स्थिति बनाए रखने में संतुलन बनाने का आह्वान किया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमास के साथ संघर्ष से प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का प्रयास 2024 तक घाटे और ऋण-से-जीडीपी अनुपात को तेजी से बढ़ा देगा।
रेटिंग एजेंसियों ने दे दी चेतावनी
पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘एस एंड पी’ ने इजराइल की रेटिंग को ‘स्थिर’ से घटाकर ‘नकारात्मक’ कर दिया था। इसके बाद फिच ने देश को नकारात्मक रेटिंग निगरानी में रखा है और चेतावनी दी है कि लंबे समय तक संघर्ष के परिणामस्वरूप इजराइल के क्रेडिट स्कोर में महत्वपूर्ण गिरावट हो सकती है। मूडीज ने यह भी कहा है कि वह इजरायल की रेटिंग में संभावित गिरावट पर विचार कर रहा है।