कांग्रेस के कन्हैया कुमार को झटका, गिरिराज सिंह के बेगूसराय में CPI ने अवधेश राय को टिकट दिया

बिहार में महागठबंधन के पांच घटक दलों में सीट बंटवारे की औपचारिकता और ऐलान के बिना ही कैंडिडेट को सिंबल देना और नाम घोषित करना शुरू हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय लोकसभा सीट मांग रही कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह की सीट पर तीन बार के विधायक अवधेश राय को टिकट दे दिया है।भारतीय जनता पार्टी ने अब तक बिहार में किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन आसार हैं कि बेगूसराय से गिरिराज सिंह को ही पार्टी फिर से टिकट देगी। भाजपा से टिकट के लिए राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा भी जी-जान से जुटे हैं। बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है जिसके लिए नामांकन 18 अप्रैल से शुरू होगा।

सीपीआई महासचिव डी राजा ने पटना में बेगूसराय से अवधेश राय की उम्मीदवारी घोषणा की। इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव रामकृष्ण पांडा, राज्य सचिव रामनरेश पांडे और राज्य सचिव मंडल के सदस्य मौजूद रहे।अवधेश बेगूसराय जिले की बछवाड़ा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं जहां से इस समय भाजपा विधायक सुरेंद्र मेहता को नीतीश कैबिनेट विस्तार में खेल मंत्री बनाया गया है। अवधेश राय भाकपा के जिला सचिव भी हैं।

बेगूसराय जिला की सात विधानसभा सीटों में 2 पर सीपीआई, 2 पर बीजेपी, 2 पर आरजेडी और एक पर जेडीयू का कब्जा है। परिसीमन से पहले बेगूसराय की पांच विधानसभा सीट बलिया लोकसभा में और दो सीट बेगूसराय लोकसभा में आती थी जो परिसीमन के बाद एक जिला के तौर पर एक संसदीय सीट हो गई है। बलिया लोकसभा सीट पर सीपीआई का दबदबा रहा जहां से उसके नेता सूर्यनारायण सिंह और शत्रुघ्न प्रसाद सिंह सांसद बने थे। बेगूसराय लोकसभा सीट से भी उसके नेता योगेंद्र शर्मा और रमेंद्र कुमार जीते हैं।

महागठबंधन में शामिल आरजेडी और सीपीआई 2019 में अलग-अलग लड़ी थी। बीजेपी के गिरिराज सिंह यहां 4 लाख से ऊपर के बड़े मार्जिन से जीते थे। तब सीपीआई के कैंडिडेट रहे कन्हैया दूसरे नंबर पर रहे थे और आरजेडी के तनवीर हसन तीसरे नंबर पर। इस बार इस सीट पर सीपीआई के अलावा कांग्रेस भी दावा कर रही थी। कांग्रेस चाहती थी कि उसे इस सीट पर दोबारा कन्हैया को लड़ाने का मौका मिले। सीपीआई राज्य में चार सीट की मांग कर रही थी लेकिन पटना में लालू यादव से मिलने के अगले दिन डी राजा ने सिर्फ एक सीट बेगूसराय पर कैंडिडेट उतारकर संकेत दिया है कि वो इतने से खुश हो सकते हैं।

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