गाजा पर मोदी सरकार के स्टैंड पर विपक्ष का सवाल, प्रियंका-पवार के बाद लालू-ओवैसी भी भड़के

गाजा सीजफायर पर भारत के स्टैंड को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने इसको लेकर सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और मराठा क्षत्रप शरद पवार ने जमकर निशाना साधा है।जहां प्रियंका गांधी ने इस पर शर्मिंदगी जताई है, वहीं शरद पवार ने इसे केंद्र सरकार का ढुलमुल रवैया बताया है। शरद पवार ने इसको भारत सरकार को कंफ्यूज बताया है। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर विदेश नीति पर सवाल उठा दिए हैं। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से भारत दूर रहा।

प्रियंका गांधी ने लिखी यह बात

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट लिखी अपनी पोस्ट में महात्मा गांधी के उस कथन का उल्लेख किया कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा। प्रियंका ने कहा कि हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी। इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है। प्रियंका ने कहा कि यह उन सभी चीजों के विपरीत है, जिनके लिए एक राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा खड़ा रहा है।

शरद पवार और लालू यादव भी हैरान
वहीं नेशनल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भारत सरकार के रुख पर हैरानी जताई है। पवार ने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार में भ्रम की स्थिति दिखती है। पवार ने कहा कि इतिहास बताता है कि भारत की नीति हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन करने की रही है, न कि इजराइल की। शरद पवार ने इस बात का भी दावा किया कि इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के भीतर एकराय नहीं है। वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव एक्स पर लिखा कि यह पहली बार है जब भारत ने मानवता, युद्ध विराम और विश्व शांति के विषय पर सबसे आगे रहने के बजाय ढुलमुल रवैया अपनाया। केंद्र सरकार भारत की विदेश नीति के साथ खिलवाड़ बंद करें। मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील नीति हमारी विदेश नीति का ध्वज होना चाहिए।

ओवैसी ने कही यह बात
वहीं, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी मोदी सरकार को निशाने पर लिखा है। ओवैसी ने लिखा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि नरेंद्र मोदी सरकार संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर वोट डालने से पीछे हट गई है। उन्होंने आगे लिखा कि गाजा में इजरायल द्वारा अभी तक 7028 लोगों को मारा जा चुका है। इनमें से 3000 महिलाएं और 1700 बच्चे हैं। गाजा में 45 फीसदी घरों को नष्ट किया जा चुका है और करीब 15 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। ओवैसी ने आगे लिखा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह एक मानवतावादी मुद्दा है। एक देश एक परिवार की बात कहने वाला और विश्वगुरु को आखिर हुआ क्या?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *