क्या एक और युद्ध की ओर बढ़ रही दुनिया?

इस्राइल-ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को इन दोनों देशों में जाने से बचने के लिए कहा है। 1 अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बाद से यह तनाव बढ़ रहा है। दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, वहीं हमास और इस्राइल बीते छह महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब ईरान और इस्राइल के बीच संकट उत्पन्न होने की आशकाएं बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस्राइल पर ईरान हमला कर सकता है। हमले की आशंका के बीच भारत, फ्रांस, पोलैंड और रूस सहित देशों ने अपने नागरिकों को इस क्षेत्र की यात्रा न करने की सलाह दी है। उधर अमेरिका ने कहा है कि ईरान से खतरा वास्तविक और व्यावहारिक है।इस्राइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के पीछे पिछले सप्ताह हुई एक घटना है। दरअसल, 1 अप्रैल को युद्धक विमानों से सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था। हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अल-कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी दमिश्क दूतावास परिसर में एक बैठक में भाग ले रहे थे। हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया गया, जिसने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। हमले के बाद ईरान के नेताओं ने राजनयिक मिशन को निशाना बनाए जाने की निंदा की और कड़ी प्रतिक्रिया देने की बात कही। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इस्राइल को उसके ऑपरेशन के लिए दंडित किया जाना चाहिए और किया भी जाएगा। खामेनेई ने कहा कि यह ईरानी धरती पर हमले के बराबर है।इसी बीच ईरान ने इजरायल के साथ चल रहे युद्ध जैसे हालात के बीच यूएई से भारत आ रहे जहाज एमएससी एरिस पर कब्‍जा कर लिया है। जानकारी के अनुसार ईरानी नौसेना के कमांडो ने इजरायल के साथ संबंध के आरोप में भारत आ रहे इस जहाज पर कब्‍जा किया है। यह पूरी घटना स्‍ट्रेट ऑफ होर्मूज में हुई है। इस घटना मे हेलिकॉप्‍टर से आए ईरानी सेना के कमांडो ने इस जहाज पर कब्‍जा कर लिया। इस जहाज पर पुर्तगाल का झंडा लगा हुआ था और यह लंदन की एक कंपनी जोडिआक मेरिटाइम से जुड़ा है। जोडियाक ग्रुप इजरायली अरबपति इयाल ओफेर का है। बताया जा रहा है कि इस जहाज का चालक दल भारतीय है और 17 के आसपास संख्‍या बताई जा रही है। ईरान से सीधा हमला इस्राइल के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई के बराबर होगा और दमिश्क में हमले के लिए एक बड़ा जवाब होगा। ईरान के हमले के बाद लड़ाई के मैदान में अमेरिका के कूदने का भी जोखिम हो सकता है। यह एक ऐसा नतीजा होगा जिससे ईरान बचना चाहता है क्योंकि गंभीर प्रतिबंधों से जूझ रहे ईरान के मौजूदा आर्थिक संकट उसे अमेरिका के साथ युद्ध की इजाजत नहीं देते हैं। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस सप्ताह ईरानी हमले की आशंकाओं के जवाब में इस्राइल की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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