केजरीवाल सरकार राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर पर काबू पाने के लिए दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप आधारित टैक्सियों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बुधवार को हुई एक बैठक में दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सी पर पाबंदी लगाने को लेकर परिवहन विभाग को निर्देश जारी किया है।उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का परीक्षण करने के बाद इसे लेकर एक विस्तृत आदेश जारी करेगा।
दिल्ली में पंजीकृत टैक्सी ही चल पाएगी
केजरीवाल सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली के अंदर सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत (डीएल नंबर) टैक्सी ही चल पाएगी। एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरूग्राम, फरीदाबाद या मेरठ से आने वाले टैक्सी पर प्रवेश नहीं मिलेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस पाबंदी से दूसरे शहरों से दिल्ली आने वाली करीब तीन लाख टैक्सियों पर असर पड़ेगा। इसका असर सबसे ज्यादा उन यात्रियों पर पड़ेगा जो कि मोबाइल ऐप के जरिए टैक्सी बुक करके एनसीआर शहरों के बीच यात्रा करते है।
पाबंदी के दायरे में डीजल या सीएनजी, कौन सी टैक्सियां
पत्रकारों से बातचीत में गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता बताते हुए कई निर्देश दिए है। उसमें एक दिल्ली में बाहर से आने वाली टैक्सियों पर पाबंदी लगाना भी शामिल है। उसे लेकर परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस पूरे मामले को देखे और आदेश जारी करें। पाबंदी सिर्फ डीजल टैक्सी पर होगा कि सीएनजी चालित टैक्सियों पर होगा। इस सवाल को लेकर गोपाल राय ने कहा कि इसका एक विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा।
13-20 नवंबर के बीच लागू होगी पाबंदी
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सी पर पाबंदी 13 नवंबर को सम-विषम के साथ ही लागू होगा। यह पाबंदी 20 नवंबर तक लागू होगा। असल में आगामी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मुद्दे पर दोबारा सुनवाई है। कोर्ट के रूख के बाद ही इस आदेश को लागू किया जाएगा। बताते चले दिल्ली में करीब एक लाख टैक्सी पंजीकृत है। इसके अलावा 94 हजार से अधिक ऑटो जबकि 1.14 अन्य यात्री वाहन पंजीकृत है, जो दूसरे राज्यों की टैक्सी पर पाबंदी के बाद यात्रियों के यात्रा को सुगम बनाएगा।
डीजल चालित टैक्सी पर पाबंदी की तैयारी
दिल्ली सरकार डीजल चालित टैक्सी पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर्यावरण विभाग को ऐसी टैक्सियों की सूची तैयार करने को कहा है। चूंकि दिल्ली में बीएस-3 व बीएस-4 डीजल चालित वाहन पहले से बंद है। उसके बाद बीएस-6 कितने बचते है उसे देखते हुए फैसला लिया जाएगा। गोपाल राय ने कहा कि परिवहन विभाग से डीजल चालित टैक्सी की पूरी जानकारी मांगी गई है। उसके बाद ही उसपर कोई फैसला लिया जाएगा।