और भी हार्डलाइनर होगा; प्रशांत किशोर ने बताया- PM मोदी के बाद कौन होगा भाजपा हाईकमान

चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पहचान रखने वाले प्रशांत किशोर ने भाजपा को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा तमाम चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर जीत रही है। यह भाजपा के लिए बड़ी ताकत है तो यही उनकी सबसे बड़ी समस्या भी है।प्रशांत किशोर नेकहा, ‘भाजपा की यह सबसे बड़ी समस्या है कि उसकी पीएम नरेंद्र मोदी पर अत्यधिक निर्भरता है।’ यह पूछे जाने पर कि भाजपा का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी के बाद किसके पास होगा? पीके ने कहा कि मैं नहीं जानता कि उनके बाद कौन हाईकमान होगा, लेकिन जो भी होगा, वह उनसे भी ज्यादा हार्डलाइनर होगा।

इस दौरान प्रशांत किशोर ने भाजपा और जेडीयू के रिश्तों पर भी टिप्पणी की। पीके ने कहा कि भाजपा इसलिए नीतीश कुमार को साथ लाई है ताकि विपक्षी एकता को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा तो पहले ही जेडीयू को निगल चुकी है। पीके ने कहा कि यह बात खुद नीतीश कुमार भी जानते हैं, लेकिन वह जो कुछ भी बचा है, उसके सहारे कुछ और वक्त तक मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं। वह 18 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और अब यह उनकी पारी का आखिरी दौर चल रहा है।

भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी समेत कई दलों के लिए काम कर चुके पीके ने कहा कि कांग्रेस आधार योजना लेकर आई थी। लेकिन वह कभी इसका फायदा नहीं उठा सकी। इसी स्कीम को भाजपा जनता तक ले गई। तमाम योजनाओं को आधार से जोड़ा गया और इसे भाजपा ने अपने कैंपेन का हिस्सा बनाया। उसे इसका फायदा मिला है। अब कांग्रेस इसके क्रेडिट की बात करती है। उन्होंने इस दौरान महिला मतदाताओं को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि जाति और मंडल के नाम पर पुरुष आंदोलन करते दिखते हैं, लेकिन जब राम मंदिर की बात आती है तो महिलाएं नजर आती हैं। इस तरह महिला अलग ही वोटबैंक है।

पीके ने राहुल गांधी की यात्रा पर ही उठा दिए सवाल

पीके ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी लगातार अपनी छवि में बदलाव करते रहे हैं। इसके चलते ही उन्हें चुनावी सफलता लगातार मिल रही है। पीके ने इस दौरान राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं लगातार कांग्रेस को सलाह देता रहा हूं कि वह नए अवतार में आए। राजनीति भी शेयर बाजार की तरह है। यहां कोई एक से दूसरे मसले पर नहीं उछल सकता। आप कभी राफेल की बात करते हैं और कभी हिंदुत्व की। यह सब काम नहीं करेगा। आपको अपने एक मुद्दे पर टिकना होगा और उसे लेकर जनता के बीच जाना होगा और संदेश देना होगा।

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