भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 195 उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिया है। 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं।पीएम मोदी फिर से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जो गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे। 195 नेताओं में से 51 उत्तर प्रदेश से, 20 पश्चिम बंगाल से और पांच दिल्ली से हैं। भाजपा की पहली उम्मीदवारों की लिस्ट में 28 महिलाएं, 50 वर्ष से कम उम्र के 47 नेता और ओबीसी समुदाय के 57 सदस्य शामिल हैं। आइए जानते हैं भाजपा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की पांच बड़ी बातें।
चुनाव की तैयारी के लिए मिलेगा समय
भाजपा की 195 नामों की लिस्ट अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा से कुछ दिन पहले आई है। भाजपा की पहली लिस्ट ऐसे समय में आई है जब विपक्ष के इंडिया गुट के साथ कई दल कुछ राज्यों में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले नामों की घोषणा करने से उम्मीदवारों को चुनाव के लिए पहले से तैयारी करने का समय मिल सकता है।
नए चेहरों के जरिए प्रयोग
भाजपा ने शनिवार को पांच सीटों के लिए घोषित उम्मीदवारों में चार नए चेहरे उतारे हैं। फिलहाल, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी और पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा जैसे मौजूदा सांसदों को मैदान में नहीं उतारा है। विश्लेषकों ने कहा कि दिल्ली में नए चेहरों को मैदान में उतार कर इंडिया गुट को शिकस्त देने के लिए नया प्रयोग करना चाहती है।
भरोसेमंद चेहरे रहेंगे बरकरार
दिल्ली में उम्मीदवारों में बदलाव देखा गया वहीं उत्तर प्रदेश से भाजपा द्वारा घोषित 51 उम्मीदवारों के नामों में से 46 मौजूदा संसद सदस्यों (सांसद) को दोहराया गया है। हालांकि, शेष 29 नाम आगामी सूचियों में आएंगे लेकिन यूपी से पहली लिस्ट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भाजपा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंदी भाषी राज्य में प्रयोग नहीं करना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। यूपी के जिन हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों को बरकरार रखा गया है उनमें पीएम मोदी (वाराणसी), राजनाथ सिंह (लखनऊ) और स्मृति ईरानी (अमेठी) शामिल हैं।
मिशन साउथ
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को केरल के तिरुवनंतपुरम से मैदान में उतारा है। यह सीट तीन बार से वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की हाई-प्रोफाइल सीट है। जब तक कि थरूर को फिर से मैदान में नहीं उतारा जाता, ऐसा लग रहा है कि भाजपा तिरुवनंतपुरम में अपनी बाजी को और मजबूत करना चाहती है। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भी केरल के पथानामथिट्टा से चुनाव लड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि 2019 में केरल की 12 सीटों में से बीजेपी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।
इस बार का चुनाव सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर के लिए भी पहला लोकसभा चुनाव होगा। चन्द्रशेखर पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में ज्योतिरादिया सिंधिया और मनसुख मंडाविया की तरह राज्यसभा सदस्यों में से एक हैं, जो 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। यह फैसला इस ओर इशारा करता है कि बीजेपी मिशन साउथ को काफी अहमियत दे रही है। साउथ के पांच दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और लक्षद्वीप की 127 सीटों में से भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में केवल 29 सीटें जीत सकी। इनमें से 25 कर्नाटक से और चार तेलंगाना से आए थे। ऐसे में इस बार बीजेपी मिशन साउथ के मोड को एक्टिव करती नजर आ रही है।
महिलाओं और ओबीसी चेहरों पर खास जोर
भाजपा द्वारा जारी 195 उम्मीदवारों की लिस्ट में 57 ओबीसी चेहरे, 28 महिलाएं हैं और 50 वर्ष से कम 47 उम्मीदवार हैं। विश्लेषकों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखने के बावजूद भाजपा स्पष्ट रूप से युवा और महिला उम्मीदवारों पर अपना विश्वास दिखा रही है। महिला मतदाताओं को लुभाने की कई पहलों के अलावा, लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक पेश करना भाजपा सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम था। लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले जाति सर्वेक्षण के लिए विपक्ष की मांग को देखते हुए ओबीसी चेहरों के उम्मीदवार बनाने की यह पहल भाजपा को लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सकती है।