पश्चिम बंगाल में पुलिस प्रमुख यानी डीजीपी के पद के लिए चुनाव आयोग ने संजय मुखर्जी के नाम पर मुहर लगाई है। उन्हें आज ही शाम तक पदभार संभाल लेने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को हटाने के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से तीन नाम मांगे थे।सरकार ने चुनाव आयोग को विवेक सहाय, संजय मुखर्जी और राजेश कुमार का नाम दिया था। एक दिन के लिए अंतरिम डीजीपी के तौर पर विवेक सहाय ने पद संभाला। हालांकि एक दिन बाद ही चुनाव आयोग ने संजय मुखर्जी के नाम पर स्वीकृति दी है।बता दें कि मुखर्जी 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अब तक अग्निशमन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बता दें कि पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव बना दिया गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को 6 राज्यों के गृह सचिवों को भी हटाने का आदेश दिया था।चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया था। इसके अलावा केवल पश्चिम बंगाल के ही डीजीपी को हटाया गया था। पूर्व डीजीपी राजीव कुमार कई बार विवादों में भी रह चुके थे। सारदा चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने उनके ठिकाने पर छापेमारी की थी। इसके बाद ममता बनर्जी खुलकर उनके समर्थन में उतरी थीं। ममता बनर्जी ने 70 घंटे धरना दिया था। कई बार विपक्षी नेता भी आरोप लगाते रहे हैं कि डीजीृपी ममता सरकार का समर्थन करते थे।चुनावों की घोषणा के वक्त ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कह दिया था कि चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए हर प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा था कि जो भी प्रशासनिक स्तर के जरूरी बदलाव होंगे, वे किए जाएंगे। इसके अलावा चुनाव से जुड़े जो भी अधिकारी एक ही जगह पर पोस्टेड हैं उनकी भी बदली की जाएगी।