भारत 21वीं सदी में विज्ञान और तकनीकी इनोवेशन के मामले में दुनिया के बड़े देशों को टक्कर दे रहा है और इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने और प्रेरित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस (फंड) तैयार किया जाएगा।इसके अलावा पड़ोसी देश चीन से टेक ब्रैंड्स को भारत बुलाने की तैयारी है।दुनिया की ढेरों बड़ी टेक कंपनियां चीन में मैन्युफैक्चरिंग करती है लेकिन बीते कुछ साल में उनका रुझान भारत की ओर बढ़ा है। चीन की मौजूद टेक इंडस्ट्री को पीछे छोड़ते हुए इनोवेशंस से जुड़ा निवेश भारत में लाने और टेक ब्रैंड्स को लुभाने की पूरी तैयारी सरकार ने कर ली है। वित्त मंत्री ने बताया कि किस तरह विदेशी कंपनियों के लिए भारत ने अपने दरवाजे खोले हैं और उनके साथ मिलकर स्वदेशी कंपनियां नए डिवेलपमेंट्स कर रही हैं।
इनोवेशन को बताया विकास की नींव
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते वक्त अपने अभिभाषण में कहा कि देश में डीप-टेक टेक्नोलॉजी को मजबूत करने और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भी जल्द एक नई योजना लाई जाएगी। उन्होंने इनोवेशन को विकास की नींव बताते हुए कहा कि इसके लिए 50 साल का इंट्रेस्ट-फ्री लोन देते हुए 1 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस (फंड) तैयार किया जाएगा। इसके चलते रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च को सहायता
बजट 2024 में जिस कॉर्पस का जिक्र किया गया है, उसके साथ इनोवेशन या रिसर्च से जुड़ी कंपनियों को लंबे समय के लिए वित्तीय मदद और बेहद कम या शून्य ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा। इस तरह नए डोमेन्स में रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा और सहायता दोनों देने की तैयारी है। स्वदेशी टेक्नोलॉजी टूल्स तैयार करने और विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता कम करने की दिशा में भी यह बड़ा कदम है।
भारत का रुख कर रही हैं कंपनियां
कोविड-19 महामारी के चलते चीन में सप्लाई चेन प्रभावित हुई और ढेरों टेक कंपिनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारत दुनिया के सबसे बड़े मार्केट्स में से एक है और यहां मैन्युफैक्चरिंग करते हुए ब्रैंड्स बचत कर सकते हैं और ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं। ऐपल और दूसरे ब्रैंड्स चीन के बजाय अब भारत का रुख कर रहे हैं और देश में प्रोडक्शन करना चाहते हैं। बजट में इस बार पर जोर दिया गया है इस तरह का निवेश देश में इनोवेशन को फायदा पहुंचाए।