उत्तराखंड के बाद अब असम भी समान नागरिक संहिता (UCC) बिल लाने की तैयारी में है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को खुद इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में बहुविवाह पर पाबंदी लगाने और यूसीसी के लिए मजबूत कानून लाने का प्लान बनाया है।
राज्य में इन दिनों विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। इस मौके पर गुवाहाटी में पत्रकारों से बात करते हुए सरमा ने कहा, ‘सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाने की योजना बना रही थी, मगर अब उत्तराखंड में कानून पारित होने के बाद इस मुद्दे को यूसीसी से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।’
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम कैबिनेट में आज UCC और बहुविवाह विधेयक दोनों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘हम बहुविवाह (प्रतिबंध लगाने वाले कानून) को लेकर विचार कर रहे थे, लेकिन उत्तराखंड ने यूसीसी विधेयक पारित कर दिया है। अब हम दोनों मुद्दों को जोड़ने पर काम कर रहे हैं ताकि मजबूत कानून बनाया जा सके। हमारी ओर से इस पर काम जारी है। हमने यह तय किया कि एक्सपर्ट कमिटी बहुविवाह और यूसीसी को एक ही कानून में शामिल करने के तरीकों पर गौर करेगी।’
उत्तराखंड विधानसभा में पारित हुआ था UCC विधेयक
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी विधेयक ध्वनि मत से पारित हुआ था। समान नागरिक संहिता विधेयक, उत्तराखंड 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन के पटल पर रखा था जिस पर दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। इस विधेयक को पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। विधेयक पर चर्चा के आखिर में मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए सभी सदस्यों से मिलकर इसे पारित कराने का अनुरोध किया। विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया। विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे।
UCC विधेयक में ये हैं बड़े प्रावधान
उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। विधेयक में प्रदेश में रहने वाले सभी धर्म-समुदायों के नागरिकों के लिए विवाह, संपत्ति, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक समान कानून का प्रावधान है। हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को इस विधेयक की परिधि से बाहर रखा गया है। UCC विधेयक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करते हुए बाल विवाह, बहु विवाह, हलाला, इद्दत जैसी सामाजिक कुप्रथाओं पर रोक लगाने का प्रावधान है।