बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती पर अखिलेश यादव ने टिकट बंटवारे में दलित कार्ड चल दिया है। शुक्रवार को सपा ने छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें पांच दलित वर्ग से हैं। सपा ने अपने पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) में ओबीसी के साथ-साथ दलित वर्ग में संदेश देने की कोशिश की है।साथ ही दलित वोट बैंक पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। शनिवार को ही चुनाव का ऐलान होना है। ऐसे में सपा ने शुक्रवार को टिकट देने में दलित को तवज्जो दी। सपा की अब तक घोषित 36 सीटों में से 11 सीट पर दलित प्रत्याशी उतारे गए हैं। सपा की पहली सूची में एक दलित, दूसरी सूची में पांच दलित व चौथी सूची में पांच दलित प्रत्याशी हैं।
सामान्य सीटों पर भी दलित प्रत्याशी
सपा ने सोची समझी रणनीति के तहत सामान्य सीटों पर दलित प्रत्याशी उतारे हैं। पहले फैजाबाद से अवधेश प्रसाद को टिकट दिया। अब बिजनौर व मेरठ जैसी सामान्य सीटों पर दलित वर्ग के प्रत्याशी सामने आए हैं। इसके लिए ‘पीडीए’ को धार देने की स्थिति में है। अपने पीडीए में दलित वर्ग को खासी अहमियत देती दिख रही है। केवल अलीगढ़ में सपा ने जाट प्रत्याशी दिया है बाकी सीट पर दलित प्रत्याशी दिए हैं। सपा की इस रणनीति को बसपा की रणनीति का जवाब माना जा रहा है। बसपा ने हाल में कुछ सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतार दिए हैं। इन्हें सपा कांग्रेस गठबंधन के लिए चुनौती माना जा रहा है। सपा को इन सीटों पर जीत की काफी उम्मीद है। इसके जरिए मुस्लिम वोटों में बंटवारा होने की उम्मीद है। सपा कांग्रेस संग इस मुस्लिम वोट का पूरा समर्थन चाहती है।