देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में काम तेजी से किया जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का निर्माण महाराष्ट्र और गुजरात में जोर पकड़ रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार लगातार इस क्रम में पीयर्स और टनल का काम किया जा रहा है।रिपोर्ट्स की मानें तो मुख्य लाइन पर 342 किमी वायाडक्ट्स में से 298 किमी पाइल्स, 200 किमी पीयर्स और 64 किमी वियाडक्ट गर्डर्स का काम पूरा हो चुका है। एनएचएसआरसीएल ने यह भी बताया है कि बाकी काम भी तेजी से चल रहे हैं। जिस गति से काम चल रहा है उससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बुलेट ट्रेन को साल 2026 तक शुरू कर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र में भी काम की प्रक्रिया चल रही है और हाल ही में 21 किमी लंबे सबवे के लिए कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई। 21 किमी लंबी इस सबवे लाइन में 7 किमी लंबी पहली समुद्री सबवे रेलवे का निर्माण ठाणे खाड़ी में किया जाएगा। इसके लिए 3 टनल बोरिंग मशीनें और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्टेशन निर्माण का चल रहा काम
मुंबई एचएसआर स्टेशन और शिलफाटा के बीच लगभग 21 किमी लंबी डबल ट्रैक सुरंग के निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा स्टेशनों का काम पूरा किया जा रहा है। गुजरात-महाराष्ट्र सीमा पर स्टेशनों के निर्माण के लिए 3 स्टेशनों यानी ठाणे, विरार, बोइसर काम प्रगती पर है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन हैं। इनमें से सूरत, विरार और ठाणे ग्रीनफील्ड स्टेशन होंगे। वहीं गुजरात का साबरमती स्टेशन ब्राउनफील्ड स्टेशन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। पिछले हफ्ते, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर के T-2 पैकेज के हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम के लिए भारतीय इंजीनियरों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। टी-2 पैकेज वापी और वडोदरा के बीच 237 किमी की दूरी तय करता है।
कई नदियों पर बनेंगे पुल
हाई स्पीड रेल परियोजना में अहमदाबाद में माइनर रोड का लेवल स्लैब 60 मीटर और सूरत में 300 मीटर का निर्माण आदि तैयार किया जा चुका है। नर्मदा, तापी, माही और साबरमती नदियों पर पुल का काम जारी है। जनवरी 2023 में इस दिशा में निर्माण किया जा रहा पहला पुल बनकर तैयार हो गया है।