बसपा से सांसद चुने गए दानिश अली का अमरोहा से कांग्रेस का टिकट फाइनल हो गया है। इसका इशारा खुद दानिश अली ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किया है। गुरुवार को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी से दानिश अली ने मुलाकात की।उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि अमरोहा से लोकसभा में अपनी दूसरी पारी के लिए त्याग की प्रतिमूर्ति सोनिया गांधी जी का आशीर्वाद पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उनका दिल भारत के गरीबों के लिए धड़कता है। उनकी अध्यक्षता वाली एनएसी (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद) ने मनरेगा, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा जैसे ऐतिहासिक, गरीब हितैषी और पारदर्शी कानूनों को बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
सूत्रों का कहना है कि अली अमरोहा सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश की जो 17 लोकसभा सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं उनमें अमरोहा भी शामिल है। दानिश अली पिछले महीने अमरोहा में राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल हुए थे। वह गत 14 जनवरी को मणिपुर में इस यात्रा की शुरुआत के मौके पर भी इसका हिस्सा बने थे।
दानिश अली को पिछले साल नौ दिसंबर को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। अमरोहा से बसपा ने इस बार दानिश की जगह मुजाहिद हुसैन को मैदान में उतारा है। मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की पीछे की मायावती की रणनीति को इंडिया गठबंधन और सपा-कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की मंशा बताई जा रही है। बसपा ने अभी तक सात प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इनमें पांच मुस्लिम समुदाय से हैं। बसपा ने कन्नौज से अकील अहमद, पीलीभीत से अनील अहमद खां फूल बाबू, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन, मुरादाबाद से इरफान सैफी, सहारनपुर से मजीद अली को उतारा है।