महाराष्ट्र कैबिनेट से 10 प्रतिशत मराठा कोटा बिल को मंजूरी मिलने के बाद मुस्लिमों के आरक्षण की मांग भी उठी है। समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने कहा कि राज्य में मुस्लिम समुदाय को पिछड़ापन दूर करने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए।सपा विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से मुस्लिमों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों के साथ न्याय के लिए यह जरूरी है कि उन्हें जल्द से जल्द 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। मराठा समुदाय को जो न्याय मिल रहा है। मैं उसका स्वागत करता हूं, मगर मुसलमानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’रईस शेख ने कहा कि मराठा समुदाय को पिछली सरकार की ओर से जब आरक्षण दिया गया, ठीक उसी दिन एक नोटिफिकेश जारी हुआ था जिसमें मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की बात थी। उन्होंने कहा, ‘सरकार से हमारी अपील है कि अब जब न्याय किया जा रहा है तो उस अधिसूचना को देखा जाए। हर किसी के साथ न्याय होना चाहिए।’ एसपी विधायक ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से भी इस मामले पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं डिप्टी सीएम अजीत पवार से इसे लेकर अपील कर रहा हूं। उन्होंने यह वादा किया था कि राज्य में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं होगा।’
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन
दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट ने मराठों को आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी दी है। मुंबई से एसपी विधायक रईस शेख की मुस्लिम आरक्षण को लेकर यह मांग इस फैसले के बाद आई है। आज यानी मंगलवार को राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया गया है। यह विधेयक रिटायर्ड जस्टिस सुनील शुक्रे की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट पर आधारित है। मालूम हो कि एक दशक में यह तीसरी बार है जब महाराष्ट्र सरकार ने मराठों को आरक्षण के लिए कानून पेश किया है। यह बिल मराठा समुदाय और उनके कार्यकर्ता मनोज जरांगे के लंबे समय से चले आ रहे विरोध-प्रदर्शन के बाद लाया गया है। जरांगे मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।