बृजभूषण और सोनिया गांधी की सीटों पर क्यों सस्पेंस? कैसरगंज-रायबरेली में भाजपा को किसका इंतजार

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार को एक और सूची जारी कर दी। भाजपा ने इस बार 80 में से 75 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है। पांच सीटें सहयोगियों को दी है। यूपी के सात प्रत्याशियों की नई सूची के साथ ही बीजेपी 70 सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है।
बची पांच सीटों में बृजभूषण शरण सिंह की कैसरगंज और सोनिया गांधी की रायबरेली सीटें भी शामिल हैं। भाजपा ने इन सीटों पर सस्पेंस बरकरार रखा है। इसके अलावा देवरिया, भदोही और फिरोजाबाद के लिए भी नामों का ऐलान नहीं हो सका है। फिरोजाबाद में तो तीसरे चरण में ही चुनाव होना है। यहां शुक्रवार से नामांकन शुरू हो रहा है।भाजपा ने अपनी पहली सूची में 51 और पांचवीं सूची में 13 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इस लिस्ट में बाराबंकी सीट पर किया गया बदलाव भी शामिल था। ऐसे में पार्टी अब तक 63 और बुधवार को घोषित सात सीटों को मिलाकर 70 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी अभी तक 11 मौजूदा सांसदों को बेटिकट कर चुकी है। इनमें मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, बरेली, पीलीभीत, हाथरस, बहराइच और बाराबंकी सीटें शामिल हैं। बेटिकट हुए सांसदों में वरुण गांधी, संतोष गंगवार, जनरल वीके सिंह, सत्यदेव पचौरी जैसे दिग्गजों का नाम है। इसके अलावा अब प्रयागराज से रीता बहुणुणा जोशी, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त और फूलपुर से केशरी देवी पटेल का भी नाम टिकट कटने वाले सांसदों की सूची में शामिल हो गया है।
कैसरगंज और रायबरेली में क्यों देरी
कैसरगंज सीट पर बृजभूषण शरण सिंह मौजूदा सांसद हैं। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के बाद उन पर हुए हमलों को बीजेपी ने भी लंबे समय तक झेला है। यहां तक कि भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबन भी झेलना पड़ा था। पार्टी की किरकिरी रोकने और विपक्ष को कोई मौका नहीं देने के लिए भाजपा कैसरगंज से बृजभूषण की जगह किसी और पर दांव लगाना चाहती है।
माना जा रहा था कि अगली सूची में कैसरगंज से भी घोषणा हो जाएगी। लेकिन बुधवार को जारी सूची में कैसरगंज का नाम नहीं होने के पीछे राजपूतों के नए आंदोलन को भी कारण माना जा रहा है। इस समय राजपूत समाज भाजपा के खिलाफ महापंचायतें कर रहा है। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर राजपूतों को कोई नया मौका भाजपा नहीं देना चाहती है।वहीं, रायबरेली में भी भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी के ऐलान का इंतजार है। यूपी में अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के सबसे बड़े गढ़ रहे हैं। इनमें से अमेठी को भाजपा ने पिछले चुनाव में जीत लिया है। अब उसकी नजर रायबरेली पर है। रायबरेली से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के उतरने की चर्चा के कारण भाजपा ने अपने प्रत्याशी पर भी सस्पेंस बरकरार रखा है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी के यहां से उतरने की स्थिति में भाजपा भी किसी कद्दावर प्रत्याशी को उतारेगी, ताकि कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके। इसमे सबसे ज्यादा चर्चा में नुपूर शर्मा का नाम चल रहा है। प्रियंका गांधी के उतरने पर भाजपा नुपूर शर्मा को उनके खिलाफ उतार कर एक तीर से कई निशाना मारने की कोशिश करेगी। नुपूर शर्मा की पहचान फायर ब्रांड प्रवक्ता के रूप में होती है।
अब तक योगी सरकार के तीन मंत्रियों पर दांव
भाजपा अब तक घोषित प्रत्याशियों में छह विधायकों और दो एमएलसी को लोकसभा प्रत्याशी बना चुकी है। इसमें योगी सरकार के तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पहले नगीना लोकसभा सीट पर नहटौर से विधायक ओम कुमार, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, हाथरस लोकसभा क्षेत्र में अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया गया था। अब इस लिस्ट में मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह और फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रवीण पटेल का नाम और शामिल हो गया है। इसके अलावा भाजपा ने दो विधान परिषद सदस्यों जितिन प्रसाद और साकेत मिश्रा को भी चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से जितिन प्रसाद और जयवीर सिंह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। जबकि अनूप प्रधान वाल्मीकि राज्यमंत्री हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *